सर कार्यवाह भैया जी जोशी नेे कहा, संयुक्त परिवारों को टूटने से बचाने के लिए घर से प्रयास करने की जरूरत
वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल में हुए आयोजन में संघ के सर कार्यवाह ने कहा कि हम सभी को संस्कारों पर बल देना होगा। नई पीढ़ी को विशेष रूप से इस ओर ले आएं जिससे उनका अपनी संस्कृति व संस्कार से जुड़ाव बना रहे। इसकी शुरुआत अपने घर से करें।
प्रयागराज, जेएनएन। राष्ट्र के नवनिर्माण की अवधारणा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काम कर रहा है। प्रत्येक स्वयंसेवक पर इसकी जिम्मेदारी है। गौहनिया में हुए दो दिनी मंथन में संघ के सर कार्यवाह भैया जी जोशी ने कुटुंब प्रबोधन पर जोर दिया। कहा कि संयुक्त परिवार की अवधारणा को बनाए रखने की जरूरत है। एकल परिवार से बहुत नुकसान हो रहा है। खासकर नई पीढ़ी भटक रही है। इसके तमाम दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। यदि हम सब मातृशक्ति का सम्मान करने की प्रवृत्ति विकसित कर लें तो सकारात्मक नतीजे जरूरत दिखेंगे।
वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल में हुए आयोजन में संघ के सर कार्यवाह ने कहा कि हम सभी को संस्कारों पर बल देना होगा। नई पीढ़ी को विशेष रूप से इस ओर ले आएं जिससे उनका अपनी संस्कृति व संस्कार से जुड़ाव बना रहे। इसकी शुरुआत अपने घर से करें। परिवार के प्रत्येक सदस्य में मातृशक्ति के सम्मान करने का स्वभाव विकसित करें। यदि हम ऐसा कर सकेंगे तो परिवारों को भी टूटने से बचा सकेंगे। स्वयंसेवकों को चाहिए कि अलग अलग परिवारों में जाएं। सप्ताह में कम से कम एक दिन सभी को साथ बैठाएं और पारिवारिक, धार्मिक चर्चा करें जिससे माहौल को स्वस्थ बनाने में सहयोग मिले।
व्यवसायी स्वयंसेवकों का सर्वे कर उन्हें सक्रिय करें
दो दिन के मंथन में संगठन को मजबूत बनाने के लिए भी रणनीति बनाई गई। देश के प्रत्येक गांव, शहर व कस्बे तक शाखा विस्तार का आह्वान किया गया। सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि सभी प्रांतों में सर्वे किया जाए जिसमें ऐसे स्वयंसेवकों की पहचान करें जो किसी न किसी व्यवसाय से जुड़े हों। यदि वह सक्रिय न हों तो उन्हें सक्रिय किया जाए जिससे उनके व्यवसाय और सेवा कार्य का लाभ समाज को और स्वयंसेवकों को भी मिले। यदि व्यवसायी स्वंयसेवक आगे आएंगे तो समाज को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद मिलेगी। वह लोगों को प्रशिक्षण दिलाने व रोजगार के भी अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगें।
युवा कार्यकर्ता विकास योजना की बनी रणनीति
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र) की बैठक में युवा कार्यकर्ताओं को संगठन से जोडऩे की रणनीति बनाई गई। कहा गया कि अधिक से अधिक छात्रों को संगठन की कार्य पद्धति समझाने का प्रयास हो। सह सर कार्यवाह मुकुंद ने युवा कार्यकर्ता विकास योजना का खाका खींचा। कहा कि सभी स्तरों पर बैठकें हों और परिवारों मेंं जब स्वयंसेवक जाए तो वहां की युवा शक्ति को अपने साथ जोड़ें। विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से भी नई ऊर्जा को अपने साथ लाने का प्रयास करें। सह सर कार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि समाज की उत्सुक शक्ति को अपने समीप लाने की जरूरत है।
कोरोना काल में हुए नव प्रयोगों पर हुई चर्चा
बैठक में कोरोना काल में संगठन व समाज के अन्य लोगों की ओर से किए गए नव प्रयोगों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। विभिन्न प्रांतों से आए पदाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र में हुए नव प्रयोगों की जानकारी दी। छतों पर लगने वाली कुटुंब शाखाओं व उनके प्रभाव को भी पदाधिकारियों ने बताया। तय हुआ कि लॉकडाउन में जिन संस्थाओं व व्यक्तियों ने सकारात्मक भूमिका निभाई उनसे संगठन के लोग जरूर संपर्क करें। अधिकारी, डॉक्टर, सफाईकर्मियों की भूमिका को सराहने के साथ ही उन्हें संगठन से जोड़कर प्रोत्साहित करें।