पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लाभार्थी देर रात तक पहुंचे अपने घर Prayagraj News
परेड मैदान पर जिले के 20 ब्लॉक और शहरी क्षेत्र के दिव्यांगजन और वृद्धजनों को लाया गया था। लोगों को लाने के लिए 1500 बसें लगाई गई थीं।
प्रयागराज, जेएनएन। परेड मैदान पर 26874 दिव्यांगजन और वृद्धजनों को उपकरण बांटने का काम शनिवार की सुबह से ही शुरू हो गया था, जो दोपहर बाद तक चलता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परेड मैदान पर आने से पहले उपकरण बांटने के काम को रोक दिया गया, ताकि सभी लोग अपनी जगह पर आराम से बैठ सकें। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बचे हुए लोगों को उपकरण दिए गए। उसके बाद लोगों को उनके घर तक पहुंचाया गया। कार्यक्रम में गांव-गिरांव से लोग आए थे। इसलिए उन्हें पहुंचाने में समय लगा। कई तो रात तक अपने घर पहुंचे।
20 ब्लॉक से भी दिव्यांगजन और वृद्धजनों को लाया गया था
परेड मैदान पर जिले के 20 ब्लॉक और शहरी क्षेत्र के दिव्यांगजन और वृद्धजनों को लाया गया था। लोगों को लाने के लिए 1500 बसें लगाई गई थीं। इसके लिए एक-एक बस में तीन कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की गई थी। वह लोगों को लेकर शनिवार सुबह परेड मैदान पर पहुंच गए और उनके ब्लॉक के अनुसार बैठाया गया। पंडाल में 21 ब्लॉक बनाए गए थे।
56905 उपकरण देर तक वितरित किए गए
वहीं लोगों को व्हील चेयर, वैशाखी, वाकिंग स्टिक, ट्राईपॉड-टेट्रापॉड, वॉकर, चश्मा, कृत्रिम दांव, स्मार्ट केन, स्मार्ट फोन, टेबलेट, कान की मशीन, रोलेटर, कृत्रिम हाथ, पैर, ट्राईसाइकिल और मोटरराइज्ड ट्राईसाइकिल कुल 56905 उपकरण वितरित किए गए। प्रधानमंत्री के आने से पहले उपकरण वितरण की प्रक्रिया को रोक दिया गया है। मंच से जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी समेत अन्य अधिकारी इसकी उद्घोषणा करते रहे कि सभी लोग अपनी सीट पर बैठ जाएं। लोगों को उनकी सीट पर उपकरण दिए जाएंगे।
गाडिय़ों में उपकरण होने पर लोगों को परेशानी हुई
कार्यक्रम का समापन होने पर लोगों को उनके ब्लॉक में खाना दिया गया। उसके बाद बचे लोगों को उपकरण बांटे गए। दोपहर बाद तक यह प्रक्रिया चली। उसके बाद दिव्यांगजन और वृद्धजनों को लेकर आए कर्मचारी उन्हें बसों में बैठाकर उनके घर तक छोडऩे गए। देर रात तक लाभार्थी अपने घर पर पहुंचे। गाडिय़ों में उपकरण होने पर लोगों को थोड़ी परेशानी हुई। हालांकि ट्राईसाइकिल, मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल और व्हील चेयर जैसे बड़े उपकरणों को लाभार्थियों के घर पहुंचाया गया। इसके लिए तीन सौ ट्रक लगाए गए थे। कुछ को रात में ही उपकरण पहुंचा दिए गए, जबकि बचे हुए लाभार्थियों को रविवार को उनके घर पर उपकरण पहुंचाया जा रहा है।