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फर्जी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र से शिक्षक की नौकरी पाने वालों पर शिकंजा कसा, बेसिक शिक्षा परिषद ने भेजा नोटिस

विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) उप्र कार्यालय पुलिस महानिदेशक ने परिषद मुख्यालय से चिह्नित शिक्षकों के घर का पता मांगा था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 05:54 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:05 PM (IST)
फर्जी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र से शिक्षक की नौकरी पाने वालों पर शिकंजा कसा, बेसिक शिक्षा परिषद ने भेजा नोटिस
फर्जी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र से शिक्षक की नौकरी पाने वालों पर शिकंजा कसा, बेसिक शिक्षा परिषद ने भेजा नोटिस

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने वालों पर शिकंजा कस गया है। आगरा विश्वविद्यालय के फर्जी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र से शिक्षक बनने वालों को चिह्नित कर लिया गया है। प्रदेश में ऐसे कथित शिक्षकों की तादाद 1388 है लेकिन, अब तक 42 जिलों ने कथित शिक्षकों के घर का पता निर्धारित प्रारूप पर मुहैया नहीं कराया है।

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विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) उप्र कार्यालय पुलिस महानिदेशक ने परिषद मुख्यालय से चिह्नित शिक्षकों के घर का पता मांगा था। परिषद सचिव ने एक अगस्त को सभी बीएसए को आदेश दिया था कि वे कथित शिक्षकों के स्थायी व अस्थायी पता व जिस स्कूल में तैनात हैं, उसकी सूचना उपलब्ध कराएं।

प्रदेश के डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 में तमाम अभ्यर्थियों ने फर्जी व टेंपर्ड प्रमाणपत्र हासिल कर लिए थे। उन्होंने इन्हीं फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक पद पर पिछले वर्षों में नियुक्ति पा ली है। यह मामला पुलिस महानिदेशक विशेष अनुसंधान दल उप्र की विवेचना में सामने आया। एसआइटी ने 13 दिसंबर 2018 को ऐसे अभ्यर्थियों की सीडी भी उपलब्ध कराई थी। बेसिक शिक्षा निदेशक ने 18 दिसंबर 2018 व एक जनवरी 2019 को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए। इसके बाद कुछ जिलों ने तेजी दिखाई लेकिन, अधिकांश अभ्यर्थियों को चिह्नित करने से भागते रहे। हालांकि बाद में ऐसे कथित शिक्षकों की संख्या 1388 बताई गई है।

इन जिलों ने नहीं भेजी सूची

मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, आगरा, मैनपुरी, मथुरा, एटा, शाहजहांपुर, प्रयागराज, मुजफ्फर नगर, शामली, फतेहपुर, कौशांबी, गाजीपुर, चंदौली, मीरजापुर, सुलतानपुर, अमेठी, भदोही, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, रायबरेली, अंबेडकर नगर, गोंडा, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, संतकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, मुरादाबाद, संभल, अयोध्या, बलरामपुर, श्रावस्ती, झांसी, हमीरपुर, चित्रकूट, बहराइच व गाजीपुर से 10 सितंबर की शाम तक सूचना मांगी गई है।

सभी प्रकरणों की कोर्ट में साथ पैरवी

परिषद सचिव रूबी सिंह ने बीएसए को निर्देश दिया है कि जिन अभ्यर्थियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है और उसमें अभी तक वाद दायर नहीं हुआ है तो ऐसे मामलों में जल्द कैविएट दाखिल की जाए। अब सभी प्रकरणों की कोर्ट में एक साथ पैरवी की जाए। इसके लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है। सूचना देने में देरी होने से शासन ने सख्त नाराजगी जताई है। 


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