बकरीद पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में उल्लास का माहौल, Prayagraj News
बकरीद आज है। सुबह से ही मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चहल-पहल है। निर्धारित वक्त पर मस्जिदों में नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। लोगों में उल्लास का माहौल है।
By Edited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 09:22 PM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 07:55 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। बकरीद आज मनाई जा रही है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हर ओर लोगों में उत्साह का माहौल है। सुबह से ही पर्व की तैयारी जोरों पर थी। निर्धारित वक्त पर शहर एवं ग्रामीण इलाकों के मस्जिदों में नमाज अदा की गई। सौदागर की मस्जिद, मस्जिद मजलूम शाह, मदीना मस्जिद, बुड्ढा ताजिया नुरुल्लाह रोड समेत शहर की तमाम मस्जिदों और इबादतखानों में बकरीद की नमाज अदा की गई। वहीं चौक जामा मस्जिद, रामबाग ईदगाह में निर्धारित समय में भी नमाजियों की भीड़ उमड़ी। पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ और कौशांबी की मस्जिदों में भी अकीदत के साथ नमाज अदा की गई। हर आेर उल्लास का माहौल है।
मुबारकबाद भी एक-दूसरे को दी जा रही
सुबह से ही लोग एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद देते रहे। मस्जिदों में नमाज अदा करने जाने के दौरान भी इस क्रम उल्लास के साथ चलता रहा। वहीं नमाज अदा करने के बाद मुबारकबाद देने के साथ ही घरों में लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने का लोग आग्रह एक-दूसरे से करते रहे।
लजीज पकवानों की घरों से उठ रही खुशबू
जहां पुरुष और बच्चे बकरीद की नमाज के लिए सुबह तैयार हो रहे थे। नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों व इबादतखानों में गए, वहीं घरों में महिलाएं भी अपने कार्यों में व्यस्त रहीं। कहीं सेवई बन रही है तो कहीं सूतफेनी व अन्य लजीज आइटमों की वातावरण में सुगंध उठ रही है। बकरीद की नमाज के लिए मस्जिदों के आसपास सफाई देर रात तक होती रही। नगर निगम कर्मचारी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मुस्तैद हैं।
देर रात तक बाजारों में रही भीड़
बकरीद को लेकर पूर्व संध्या पर बाजारों में भीड़ देर रात तक बनी रही। लोग आवश्यक सामानों की खरीदारी करते दिखे। पुराने शहर में दुकानें आधी रात तक खुली रहीं। कुर्बानी के लिए बकरों की बिक्री हुई। महिलाओं ने सेवइयां, क्रॉकरी, कपड़े, मेवा, परचून के सामानों की खरीदारी का जिम्मा संभाला तो पुरुष, बकरों की खरीदारी में जुटे रहे। शहर के चौक, सेवई मंडी, नखास कोहना, गढ़ी सराय, नुरुल्ला रोड, बुड्ढा ताजिया और करेली में सेवइयों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रही।
बकरों की कुर्बानी का समय निर्धारित, बकरों की लगी कीमत
बड़े बुजुर्गो ने बकरों की कुर्बानी के लिए समय का निर्धारण किया गया था। वहीं कुर्बानी के लिए शहर में बकरों की खरीददारी देर रात तक होती रही। हटिया बाजार, घंटाघर, नखास कोहना, खुल्दाबाद चौराहा व नुरुल्ला रोड पर लगे बाजारों में देर रात तक बकरों की बोली लगती रही। जिन बकरों की कीमत तीन चार दिनों पहले तक पांच या आठ हजार रुपये थी, रविवार को वह 10 हजार रुपये में बिके। हटिया, घंटाघर और नखास कोहना चौराहा पर तो यह हालत रही कि बकरों की कीमत उनकी चमक-दमक के बल पर मांगी गई। कई विक्रेताओं ने तो बकरों की कीमत 40 हजार रुपये तक मांगी।
मुबारकबाद भी एक-दूसरे को दी जा रही
सुबह से ही लोग एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद देते रहे। मस्जिदों में नमाज अदा करने जाने के दौरान भी इस क्रम उल्लास के साथ चलता रहा। वहीं नमाज अदा करने के बाद मुबारकबाद देने के साथ ही घरों में लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने का लोग आग्रह एक-दूसरे से करते रहे।
लजीज पकवानों की घरों से उठ रही खुशबू
जहां पुरुष और बच्चे बकरीद की नमाज के लिए सुबह तैयार हो रहे थे। नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों व इबादतखानों में गए, वहीं घरों में महिलाएं भी अपने कार्यों में व्यस्त रहीं। कहीं सेवई बन रही है तो कहीं सूतफेनी व अन्य लजीज आइटमों की वातावरण में सुगंध उठ रही है। बकरीद की नमाज के लिए मस्जिदों के आसपास सफाई देर रात तक होती रही। नगर निगम कर्मचारी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मुस्तैद हैं।
देर रात तक बाजारों में रही भीड़
बकरीद को लेकर पूर्व संध्या पर बाजारों में भीड़ देर रात तक बनी रही। लोग आवश्यक सामानों की खरीदारी करते दिखे। पुराने शहर में दुकानें आधी रात तक खुली रहीं। कुर्बानी के लिए बकरों की बिक्री हुई। महिलाओं ने सेवइयां, क्रॉकरी, कपड़े, मेवा, परचून के सामानों की खरीदारी का जिम्मा संभाला तो पुरुष, बकरों की खरीदारी में जुटे रहे। शहर के चौक, सेवई मंडी, नखास कोहना, गढ़ी सराय, नुरुल्ला रोड, बुड्ढा ताजिया और करेली में सेवइयों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रही।
बकरों की कुर्बानी का समय निर्धारित, बकरों की लगी कीमत
बड़े बुजुर्गो ने बकरों की कुर्बानी के लिए समय का निर्धारण किया गया था। वहीं कुर्बानी के लिए शहर में बकरों की खरीददारी देर रात तक होती रही। हटिया बाजार, घंटाघर, नखास कोहना, खुल्दाबाद चौराहा व नुरुल्ला रोड पर लगे बाजारों में देर रात तक बकरों की बोली लगती रही। जिन बकरों की कीमत तीन चार दिनों पहले तक पांच या आठ हजार रुपये थी, रविवार को वह 10 हजार रुपये में बिके। हटिया, घंटाघर और नखास कोहना चौराहा पर तो यह हालत रही कि बकरों की कीमत उनकी चमक-दमक के बल पर मांगी गई। कई विक्रेताओं ने तो बकरों की कीमत 40 हजार रुपये तक मांगी।
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