प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में आयुर्वेदिक काढ़ा व गोल्डन मिल्क कारगर, रेट में इजाफा नहीं Prayagraj News
प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के उपायों का जिक्र किया तो उसके बाद से आयुर्वेदिक काढ़ा और गोल्डन मिल्क का सेवन करने वालों की संख्या शहर में भी बढ़ी है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए लोग घरों में इन दिनों आयुर्वेदिक काढ़े के साथ गोल्डन मिल्क का प्रयोग कर रहे हैं। इसमें काली मिर्च, दाल चीनी, सौंठ का इस्तेमाल हो रहा है। कुछ लोग मुनक्का और नींबू का रस भी मिलाते हैं। वहीं गोल्डन मिल्क में हल्दी मिलाया जाता है। इससे काढ़ा मसालों और हल्दी की बिक्री में करीब 20 से 25 फीसद तक वृद्धि हुई है। धनिया, जीरा, लाल मिर्च के रेट भी कम हुए हैं। मांग बढऩे के बावजूद दाम में कमी मंडियों के खुल जाने से हर चीजों की आवक बढऩे हुई है।
आयुवर्कदिक काढ़ा व गोल्डन मिल्क की डिमांड बढ़ी
सर्दी, जुकाम जैसी बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा और हल्की चोट के लिए गोल्डन मिल्क (हल्दी वाला दूध) को गांवों में रामबाण माना जाता है। शहरी जीवन में आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल बहुत कम किया करते थे। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के उपायों का जिक्र किया तो उसके बाद से आयुर्वेदिक काढ़ा और गोल्डन मिल्क का सेवन करने वालों की संख्या शहर में भी बढ़ी है। नतीजतन, काढ़ा में मिलाने वाले मसालों की बिक्री में भी इजाफा हुआ। हालांकि, अनलॉक-1 में मसालों की आवक बढऩे से रेट पर असर नहीं पड़ा। हां, दाम पहले से कुछ कम ही हुआ।
बोले कारोबारी
अप्रैल-मई में नया माल आ जाता है। मंडियों के खुल जाने से सभी सामान आसानी से आने लगे हैं। इसकी वजह से मसाले की कीमतें कम हुई हैं।
- गिरधारी लाल अग्रवाल, थोक कारोबारी
सभी मसालों के फुटकर रेट में कमी आई है। कीमतों में ज्यादा अंतर नहीं है, फिर भी 10 से लेकर 20-25 रुपये किलो तक दाम कम हुआ है।
-जय साहू, फुटकर विक्रेता