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Ayodhya Ram Mandir : प्रयागराज के इंजीनियर भी हैं श्रीराम मंदिर निर्माण में

Ayodhya Ram Mandir विहिप की महानगर इकाई के उपाध्यक्ष सिविल इंजीनियर वर्मा कहते हैं कि मंदिर निर्माण पूरा होने तक वह अयोध्या में ही रहेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 05:59 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir : प्रयागराज के इंजीनियर भी हैं श्रीराम मंदिर निर्माण में
Ayodhya Ram Mandir : प्रयागराज के इंजीनियर भी हैं श्रीराम मंदिर निर्माण में

अमलेंदु त्रिपाठी , प्रयागराज। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य और दिव्य मंदिर के प्रत्येक पहलू से तीर्थराज प्रयागराज का भी जुड़ाव रहा है। 90 के दशक और उसके बाद आंदोलन की रणनीति बनाने से लेकर मंदिर के मॉडल व अन्य बातें यहां तय हुईं। भूमिपूजन कराने वाले विद्वान, मंदिर निर्माण करने वाली संस्था के चुनाव संबंधी फैसला भी प्रयागराज में हुआ।

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ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) से सेवानिवृत्त हैं दीनानाथ वर्मा

अब निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के कार्य की देखरेख में प्रयागराज के अल्लापुर निवासी इंजीनियर दीनानाथ वर्मा भी सक्रिय हैं। ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) से सेवानिवृत्त हुए दीनानाथ वर्मा आठ मार्च से अयोध्या में ही हैं। विहिप की महानगर इकाई के उपाध्यक्ष सिविल इंजीनियर वर्मा कहते हैं कि मंदिर निर्माण पूरा होने तक वह अयोध्या में ही रहेंगे। संगठन की तरफ से जो भी दायित्व दिया जाएगा, उसका निर्वहन निस्वार्थ भाव से करेंगे। बताया कि उन्हें जो दायित्व मिला है, उसको पूरा करने लिए वह न कोई पारिश्रमिक अभी ले रहे हैं और ना ही भविष्य में लेंगे।

निर्माण संबंधी कार्यों पर रखेंगे नजर

दीनानाथ वर्मा ने अयोध्या में पहुंचकर सबसे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अस्थाई कार्यालय बनवाया। फिर व्यवस्था संबंधी दायित्वों के निवर्हन में जुट गए। देश-विदेश से आने वाली मिट्टी, जल व दान में मिलने वाले धन का प्रबंध वह फिलहाल संभाल रहे हैं। दैनिक जागरण को उन्होंने बताया कि मंदिर के निर्माण का दायित्व लार्सन एंड ट्रुबो (एलएंडटी) को दिया गया है। कार्यदायी संस्था के इंजीनियर ही मुख्य रूप से सभी काम देखेंगे, लेकिन तकनीकी जानकार होने के नाते वह भी निर्माण संबंधी कार्यो पर नजर रखेंगे। इससे पहले दीनानाथ वर्मा प्रयागराज में आयोजित कुंभ में संगठन के शिविर व कार्यालय निर्माण आदि का दायित्व बखूबी संभाल चुके हैं।


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