एसएस खन्ना डिग्री कॉलेज में भी होगी बीएएलएलबी की पढ़ाई
जासं, इलाहाबाद : अनुशासन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए जाने जाने वाले सदन लाल सांवलदास खन्ना महि
इलाहाबाद : अनुशासन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए जाने जाने वाले सदन लाल सांवलदास खन्ना महिला महाविद्यालय में जल्द ही बीएएलएलबी की भी पढ़ाई होगी। पांच वर्षीय इंटिग्रेटेड कोर्स के संचालन के लिए महाविद्यालय अधिशासी निकाय द्वारा प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। इसी सत्र से इस कोर्स के शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके साथ ही स्नातक स्तर भूगोल, मनोविज्ञान, राजनीतिशास्त्र को स्नातक स्तर पर अब पढ़ाया जाएगा। इनकी कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। इन विषयों के साथ ही अब महाविद्यालय के कला संकाय में स्नातक स्तर पर कुल 17 विषय पढ़ाए जा रहे हैं, जबकि परास्नातक स्तर पर 11 विषयों में पढ़ाई होती है। खास बात यह है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालयों में यह एक मात्र महाविद्यालय है जहां कला, विज्ञान, वाणिज्य, बीएड व बायोटेक्नोलॉजी (डिप्लोमा) पाठ्यक्रम संचालित हो रहा है।
स्नातक स्तर पर जो विषय पढ़ाए जा रहे हैं उनमें ¨हदी संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी, शिक्षाशास्त्र, मध्यकालीन इतिहास, प्राचीन इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, संगीत गायन, संगीत वादन (तबला/सितार) चित्रकला, ऑंफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रेक्टिसेज (स्ववित्त पोषित) शामिल है। इसके अलावा परास्नातक स्तर पर हिन्दी, अंग्रेजी, शिक्षाशास्त्र, प्राचीन इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, संगीत गायन, संगीत वादन (तबला/सितार), चित्रकला तथा विज्ञान संकाय में वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान शामिल हैं।
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न क की ग्रेडिंग में महाविद्यालय का देश में चौथा स्थान
महाविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पद्धति को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा भी मान्यता दी गई है। नैक की ग्रेडिंग में महाविद्यालय को 2014-15 में ए ग्रेड (3.46 सीजीपीए) प्रदान किया गया। इस प्रकार महाविद्यालय को मूल्याकन सूची में राज्य स्तर पर प्रथम और राष्ट्रीय स्तर पर चतुर्थ स्थान प्राप्त हुआ है। यही नहीं एसएस खन्ना महिला महाविद्यालय को को व्यावसायिक रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए यूजीसी द्वारा 2015 में कम्यूनिटी कालेज के रूप में भी चयनित किया गया है।
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अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है पुस्तकालय
महाविद्यालय का श्यामनाथ कक्कड़ पुस्तकालय में 27 हजार से अधिक पुस्तकों हैं। इसके अलावा पुस्तकालय में डेलनेट व इनफ्लिबनेट की सुविधा भी है। यही नहीं यहां टीचर्स को नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से ई-बुक्स के आध्ययन की भी सुविधा प्राप्त है। छात्राओं को पुस्तकालय ने निश्शुल्क पुस्तकों प्राप्त करने की भी सुविधा प्रदान की जाती है।
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महाविद्यालय को मिले 27 नये शिक्षक
महाविद्यालय में रिक्त एवं संस्तुत सभी 27 पदों पर नियुक्ति प्रकिया पूरी कर ली गई है। अब महाविद्यालय में छात्राओं को अध्ययन-अध्यापन का और बेहतर माहौल मिल सकेगा।
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महाविद्यालय में हैं 10 स्मार्ट क्लास रूम
महाविद्यालय द्वारा दस से अधिक स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए है। इसमें सभी महत्वपूर्ण क्लासेज पीपीटी के माध्यम से चलते है।
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ओ लेवल कोर्स की न्यूनतम है फीस
महाविद्यालय छात्राओं को यूपीटेक से मान्यता प्राप्त ओ लेवल कोर्स करने की सुविधा न्यूनतम फीस में प्रदान करता है। इसके अलावा शिक्षको द्वारा समर वेकेशन में छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं एसएससी, बैंक पीओ, रेलवे, बीएड इत्यादि की तैयारी निशुल्क करवायी जाती है। यही नहीं सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए महाविद्यालय ने स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित की थी। इसमें चयनित 20 छात्राओं को निश्शुल्क सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करवाई जा रही है।
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स्वयं में छात्राओं के पंजीकरण की सुविधा
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्वयं स्कीम के अंतर्गत' महाविद्यालय की छात्राओं ने विभिन्न कोर्सेज में अपना पंजीकरण भी कराया जाता है। यही नहीं युवा कार्यक्रमएवं खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार स्वच्छता पखवाड़ा व संकल्प से सिद्धि तक कार्यक्रम में बेहतर कार्य के लिए सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार प्रदान किया गया है।
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महिला शिक्षा के लिए 1975 में स्थापित हुआ था महाविद्यालय
1921 में स्थापित सारस्वत खत्री पाठशाला के संस्थापक स्व. लाला सदनलाल एवं स्व. लाला सावलदास खन्ना की स्मृति में सन् 1975 में प्रो. दामोदर दास खन्ना, श्याम नारायण कक्कड़, अशोक मोहिले और श्याम नारायण कपूर के संयुक्त प्रयास से इस महाविद्यालय की स्थापना की गई। इसकी स्थापना का उद्देश्य महिला शिक्षा को बढ़ावा देना था। 1981 से यह महाविद्यालय राज्य सरकार की अनुदान सूची में आ गया है और 2005 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के साथ ही यह महाविद्यालय उसके संघटक कॉलेज के रूप में अस्तित्व में आया। वर्तमान में महाविद्यालय में कुल 3000 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं। सार-ला एजुकेशन ट्रस्ट मुंबई एवं सारस्वत खत्री पाठशाला के सहयोग से विज्ञान संकाय की कक्षाएं 1994 में प्रारम्भ हुई, जिसके संचालन के लिए ट्रस्ट द्वारा प्रति वर्ष 15 लाख रुपये की सहयोग राशि महाविद्यालय को प्रदान की जाती है। 1999 में वाणिज्य संकाय तथा 2005 में बीएड कक्षाओं को भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हुई।
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पीपी फोटो:----
प्रति वर्ष दो अक्टूबर को दामोदरश्री राष्ट्रीय अकादमिक विशिष्टता सम्मान समारोह का आयोजन किया जाना इस बात का संकेत है कि शिक्षण को व्यवसाय नहीं, बल्कि छात्र-छात्राओं की मेधा व प्रतिभा को सम्मानित कर उन्हें राष्ट्र निर्माण की मुख्य धारा में लाना है। इसी मिशन के तहत महाविद्यालय महिला शिक्षा के उन्नयन हेतु निरन्तर प्रयासरत है।
डॉ. लालिमा सिंह, प्राचार्या एसएस खन्ना महिला महाविद्यालय, इलाहाबाद।