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Atiq Ahmed: उमेश पाल अपहरणकांड में फैसला आज, हाई सिक्योरिटी बैरक में रखे गए हैं माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ

यूपी पुलिस की अभिरक्षा में अहमदाबाद (गुजरात) की साबरमती जेल से रवाना हुआ माफिया अतीक अहमद सोमवार शाम प्रयागराज पहुंच गया। लगभग 13 सौ किलोमीटर का सफर 24 घंटे से कम समय में पूरा कर माफिया को लेकर पुलिस शाम 5.25 बजे नैनी सेंट्रल जेल पहुंची।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavPublished: Tue, 28 Mar 2023 12:18 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 05:03 AM (IST)
Atiq Ahmed: उमेश पाल अपहरणकांड में फैसला आज, हाई सिक्योरिटी बैरक में रखे गए हैं माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ
माफिया को लेकर पुलिस शाम 5.25 बजे नैनी सेंट्रल जेल पहुंची।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता: तमाम अटकलों-आशंकाओं और चर्चाओं के बीच रविवार शाम 5.40 बजे यूपी पुलिस की अभिरक्षा में अहमदाबाद (गुजरात) की साबरमती जेल से रवाना हुआ माफिया अतीक अहमद सोमवार शाम प्रयागराज पहुंच गया। लगभग 13 सौ किलोमीटर का सफर 24 घंटे से कम समय में पूरा कर माफिया को लेकर पुलिस शाम 5.25 बजे नैनी सेंट्रल जेल पहुंची। 

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मंगलवार को उसे विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल के अपहरण के केस में कोर्ट में सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। अतीक के साथ इसी केस में आरोपी उसके भाई अशरफ को भी पुलिस बरेली जेल से लेकर करीब डेढ़ घंटे बाद 6.58 बजे नैनी जेल पहुंची। 

यह है मामला

उमेश पाल को 28 फरवरी, 2006 को अगवा करने के बाद बंधक बनाकर पीटने और गवाही बदलने के लिए धमकाने के मुकदमे में अतीक अहमद और अशरफ मुख्य अभियुक्त हैं। इस मुकदमे में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद 28 मार्च को निर्णय की तारीख निर्धारित की गई है। अतीक और अशरफ समेत सभी अभियुक्तों को भी निर्णय सुनाए जाते वक्त पेश करने का आदेश अदालत से जारी किया गया था। 

कोर्ट के आदेश पर पुलिस और एसटीएफ की टीम गुजरात से अतीक और बरेली से उसके भाई अशरफ को प्रयागराज लाई है। नैनी जेल के भीतर पुलिस वैन से उतारने के बाद अतीक अहमद का मेडिकल टेस्ट कराया गया।

30 घंटे का सफर 23 घंटे 45 मिनट में

रास्ते में कई जगह पर ठहराव को जोड़ते हुए अहमदाबाद से प्रयागराज की दूरी पूरी करने में 30 घंटे से ज्यादा वक्त लगने का अनुमान जताया जा रहा था। यह सब करने के बाद भी तेज रफ्तार में सफर 23.45 घंटे में पूरा हो गया। अहमदाबाद से ही अतीक की बहन आयशा भी परिवार की महिलाओं और अधिवक्ता के साथ पुलिस काफिले के साथ लगी रही।

ऐसे लाया गया माफिया को

अतीक को गुजरात से लाने गई पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए एक आईपीएस अधिकारी लगाया गया था, जिसके साथ दो इंस्पेक्टर के अलावा 40 हथियारबंद सिपाहियों की टीम गुजरात से चली तो तीन गाडि़यां थीं। दो बड़ी पुलिस वैन और आगे एक बोलेरो गाड़ी। 

मध्य प्रदेश के जिलों में वहां की पुलिस ने एस्कार्ट किया। यूपी की सीमा में पहुंचते ही काफिले में पुलिस के वाहनों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। अतीक को लाने में पुलिस टीम को चार राज्य गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और यूपी से गुजरना पड़ा। रास्ते में 15 से ज्यादा जिले पड़े।

वैन से टकराकर मरी गाय

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में सोमवार सुबह जब काफिला गुजर रहा था, तभी रास्ते में अचानक एक गाय उस वैन के सामने आ गई, जिसमें अतीक बैठा था। वैन से टकराकर गाय की मौत हो गई। हालांकि, वैन को नुकसान नहीं हुआ। कुछ पल के लिए पुलिस का काफिला वहां रुका, फिर आगे बढ़ गया। 

एक ही जेल में कुनबा, फिर भी नहीं मिल सकेंगे

नैनी सेंट्रल जेल में अतीक का बेटा अली भी है। उसे सुरक्षा कारणों से हाई सिक्योरिटी बैरक में भेज दिया गया। अतीक को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है। अशरफ भी उच्च सुरक्षा वाली बैरक में है। अतीक का कुनबा एक ही जेल में है, मगर एक दूसरे से मिल नहीं सकेंगे। लखनऊ जेल मुख्यालय से भी कैमरों के जरिए निगरानी हो रही है।


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