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Atiq Ahmed: सजा सुनते ही भाई से लिपटकर रोया अतीक, बोला- अल्लाह जाने कब होगी मुलाकात

साबरमती जेल से रविवार शाम छह बजे माफिया अतीक अहमद को लेकर पुलिस टीम प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। सारे चैनलों ने इसे चर्चा का विषय बना दिया। उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और उसके भाई अशऱफ की मंगलवार को पेशी हुई।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Wed, 29 Mar 2023 04:46 AM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2023 04:46 AM (IST)
Atiq Ahmed: सजा सुनते ही भाई से लिपटकर रोया अतीक, बोला- अल्लाह जाने कब होगी मुलाकात
Atiq Ahmed: सजा सुनते ही भाई से लिपटकर रोया अतीक, बोला- अल्लाह जाने कब होगी मुलाकात

प्रयागराज, अंकित शुक्ला। साबरमती जेल से जिस ऐंठ, गुरुर और रुआब के साथ माफिया अतीक निकला और झांसी में जिस ठसक के साथ बोला कि अब डर काहे का। कोर्ट का फैसला सुनते ही सारी अकड़ ढीली पड़ गई। यह वही शहर है, जहां अतीक के आतंक के आगे बड़े-बड़ों की घिग्घी बंध जाया करती थी। मगर उमेश पाल अपहरण कांड के फैसले ने बता दिया कि माफिया के अपराध का घड़ा भर चुका है। अब उसकी बाकी की जिंदगी जेल की बैरक में तन्हाई में ही गुजरेगी।

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साबरमती जेल से रविवार शाम छह बजे माफिया अतीक अहमद को लेकर पुलिस टीम प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। सारे चैनलों ने इसे चर्चा का विषय बना दिया। उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और उसके भाई अशऱफ की मंगलवार को पेशी हुई। कोर्ट में जैसे ही अतीक ने कदम रखा, उसके खिलाफ फांसी दो..फांसी दो का नारा लगने लगा। कभी अतीक के खिलाफ किसी की आवाज उठाने की हिम्मत नहीं होती थी, आज विरोध में आवाज बुलंद थी। गुंडा, माफिया से विधायक और फिर सांसद बन बैठा।

अपराध के बल पर अरबों का साम्राज्य खड़ा करने वाला अतीक कोर्ट में अपने को तन्हा पा रहा था। अवैध कारोबार संभालने और सियासी बागडोर पकड़ने वाला माफिया अतीक दोषी करार होने पर फफक पड़ा। उसका शरीर शिथिल पड़ चुका था, उसे सहारे की जरूरत थी। कोर्ट रूम में अपने छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को गले लगाकर लिपट गया, कहा-भाई अपना ध्यान रखना, अल्लाह जाने अब कब मुलाकात होगी।

गले लगने पर अतीक की आंखें डबडबा गईं, आंसू निकलने लगा, अशरफ का भी गला रुंध गया। माफिया का गुरुर ठंडा पड़ चुका था। यह देख बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता भी कुछ देर के लिए खामोश रहे। कभी आतंक का पर्याय बने माफिया अतीक का यह हाल देख कुछ वकीलों ने टिप्पणी की- यहां कानून का राज है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अतीक ने खुद की तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए अदालत से बैठने के लिए कुर्सी उपलब्ध कराने की गुजारिश की।

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के बाद अतीक ने केवल उमेश पाल ही नहीं बल्कि चार गवाहों की गवाही अपने पक्ष में दर्ज करा ली थी। मगर अभियोजन पक्ष की ओर प्रभावी पैरवी की जा रही थी। मंगलवार दोपहर कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। पुलिसकर्मी उसे बार-बार सहारा दे रहे थे। दोपहर करीब सवा 12 बजे अतीक सहित अन्य अभियुक्तों को कोर्टरूम में पेश किया गया।

दोनों भाई आमने-सामने हुए तो गले लग गए। इसके बाद अदालत ने सुनवाई करते हुए अतीक, सौलत हनीफ और दिनेश पासी को दोषी करार दे दिया। यह सुन माफिया ने अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी। अनुमति मिलने पर वह आपबीती सुनाते हुए खुद को निर्दोष बताते हुए कम से कम सजा देने की प्रार्थना की। इसके बाद कोर्ट ने लंच के बाद फैसला सुनाने का आदेश दिया। तब अतीक अपने समेत अन्य आरोपितों व अधिवक्ताओं से बातचीत करने लगा।

कोर्ट दोबारा बैठी तो तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत का फैसला सुनते ही अतीक बेचैन हो उठा। सजा की कापी मिलने और वारंट बनने के बाद जब पुलिसकर्मियों ने चलने के लिए कहा तो अतीक अपने छोटे भाई अशरफ के गले से लिपटकर रोने लगा और कहा कि अल्लाह जाने अब कब मुलाकात होगी। दोनों भाई इससे पहले लखनऊ की सीबीआइ कोर्ट में मिले थे। माफिया के फफक कर रोने की बात कोर्टरूम से बाहर आई तो लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा होने लगी।

हुजूर मालूम है, हमें मिलेगी सजा

माफिया अतीक अहमद एमपी-एमएलए कोर्ट के अंदर जैसे ही दाखिल हुआ, उसने जज डा. दिनेश चंद्र शुक्ल का अभिवादन किया। इसी के साथ उनसे हाथ जोड़कर कहा कि हुजूर मालूम है कि हमें सजा मिलेगी। वहीं अभियोजन और बचाव पक्ष के वकील मुस्कुरा कर रह गए।


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