पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा बोइंग-737 जैसा एस्टेरायड
अंतरिक्ष में एक और खगोलीय घटना बुधवार की रात हुई। 1012 बजे बोइंग-737 विमान के बराबर एस्टेरायड पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया।
जासं, प्रयागराज : अंतरिक्ष में एक और खगोलीय घटना बुधवार की रात हुई। 10:12 बजे बोइंग-737 विमान के बराबर का एस्टेरायड (क्षुद्र ग्रह) पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर गया। हालांकि, इससे कोई नुकसान नहीं होगा। यह दोबारा अपने नियमित पथ पर चला जाएगा, लेकिन विज्ञानी इस पर नजर रखे हुए हैं।
आनंद भवन स्थित तारामंडल के निदेशक खगोल शास्त्री डा. वाई रवि किरण ने बताया कि नासा के विज्ञानी इस पूरी घटना का अध्ययन कर रहे हैं। उनके अनुसार एस्टेरॉयड 2020 आरकेटू 14942 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है। इसका व्यास 36 से 81 मीटर है जबकि चौड़ाई 118 से 265 फीट होने की संभावना है। अभी यह पृथ्वी की सतह से चालीस लाख मील दूर है। इसे पहली बार सितंबर में देखा गया था। विज्ञानियों का यह भी कहना है कि भले ही यह पृथ्वी की कक्षा में है, लेकिन इसे खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता। इसके बाद यह 2027 तक पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश नहीं करेगा। सितंबर में ही एक और एस्टेरायड पृथ्वी से 22000 किलोमीटर की दूरी से गुजरा था।
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बृहस्पति और मंगल के बीच रहता है
निदेशक डॉ. किरण ने बताया कि बृहस्पति और मंगल ग्रह के बीच यह एस्टेरॉयड 2020 आरकेटू 14942 रहता है। इसे पत्थर का पिंड मान सकते हैं। यह भी बड़ा ग्रह बन सकता था लेकिन बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण बल के चलते नहीं बन सका। अभी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।
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खगोलीय पिंड है एस्टेरायड
एस्टेरायड एक खगोलीय पिंड होता है जो ब्रह्मांड में विचरण करते रहते हैं। इसे क्षुद्र ग्रह भी कह सकते हैं। यह अपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडो से बड़े होते हैं। पहला क्षुद्र ग्रह सेरेस था, जिसे 1819 में ग्यूसेप पियाजी ने खोजा था।