UP Council Schools के सहायक अध्यापक 10 वषों से एक ही पद पर हैं तैनात, चयन वेतनमान का लाभ नहीं मिला
यूपी परिषदीय स्कूलों के तमाम शिक्षकों को चयन वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है। प्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री ने बताया कि विकास खंड धनूपुर में 86 शिक्षकों की फाइल अटकी है। इसी तरह प्रत्येक विकास खंड में 60-70 शिक्षकों के मामले लंबित हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी परिषदीय स्कूलों के तमाम शिक्षक एक ही पद पर दस साल से सेवा दे रहे हैं। उन्हेंं चयन वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है। दो साल से बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में फाइल अटकी है। इसे लेकर शिक्षकों में असंतोष भी पनप रहा है।
प्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने उठाई समस्या
प्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री अफरोज अहमद ने बताया कि विकास खंड धनूपुर में 86 शिक्षकों की फाइल अटकी है। इसी तरह प्रत्येक विकास खंड में 60-70 शिक्षकों के मामले लंबित हैं। शिक्षक नेता के अनुसार जिन सहायक अध्यापकों की नियुक्ति जुलाई 2009, फरवरी 2010, जुलाई 2010 में हुई है, वह 10 साल बाद भी उसी पद पर हैं। नियमानुसार उन्हें चयन वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए। आवेदन के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है।
खंड शिक्षाधिकारियों की लापरवाही का आरोप
अफरोज अहमद ने कहा कि इसमें खंड शिक्षाधिकारियों की लापरवाही बरती जा रही है। इनकी उदासीनता से पत्रावली बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में अनुमोदन के बाद मूल सेवा पुस्तिका सहित न भेजने के कारण अध्यापकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में जब भी बेसिक शिक्षाधिकारी से शिकायत की जाती है तो वह जल्द ही मामलों के निस्तारण का आश्वासन देकर टाल देते हैं।
निजी स्कूलों में स्टाफ का वेतन आधा, बच्चों से ले रहे पूरी फीस
कई निजी स्कूलों में वहां के स्टाफ का वेतन आधा कर दिया गया है। कुछ स्टाफ की भी छटनी कर दी गई है लेकिन बच्चों से पूरी फीस ली जा रही है। अभिभावकों का आरोप है कि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। उसका कोई खास लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। स्कूल के स्टाफ भी असमंजस में हैं कि वह अपनी समस्या किससे कहें। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अफसरों ने भी चुप्पी साध रखी है।