कोरोना से टकराने को गांव की दीवार बनीं 'आशा'
कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम अब गावों में जोर लगा रही है। आशा कार्यकिर्त्रयों को इस कार्य में लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम अब गावों में सक्रिय हो गई। जनपद के सभी सीएचसी पर जाच की सुविधा उपलब्ध हो गई है। एंटीजन किट से तत्काल जाच कर रिपोर्ट की जानकारी दे दी जाती है। यदि कोरोना संक्रमित मरीज के पास संसाधन उपलब्ध हैं तो उन्हें गाव में होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। सिर्फ लक्षण वाले मरीजों को शहर के कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।
कोरोना अब शहर से गांव की ओर भी बढ़ने लगा है इसलिए वहां व्यवस्थाएं बढ़ाई जा रही है। गावों के लिए अलग रैपिड रिस्पास टीम बनाई गई है साथ ही आशा कार्यकर्ता व एएनएम को भी लगाया गया है। पाच से 14 जुलाई तक ग्रामीण इलाकों में विशेष तौर पर अभियान चलाया गया ताकि कोरोना से संबंधित लक्षण वाले मरीजों की पहचान हो सके और उनका इलाज किया जा सके। कोरोना योद्धा के रूप में पहुंच रही घर-घर
गावों में तैनात एएनएम व आशा कार्यकर्ता कोरोना योद्धा बनकर घर-घर दस्तक दे रही हैं। थर्मल स्क्रीनिंग से जाच कर रही हैं और यदि कोई मरीज सर्दी, खासी, बुखार या सास संबंधी बीमारी से पीड़ित मिलता है तो उसकी जाच कराई जा रही है। चाका में तैनात एएनएम मीरा देवी कहती हैं हम लोग लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। मरीजों को चिह्नित करने के साथ-साथ उन्हें कोरोना से बचाव के बारे में भी जागरूक कर रहे हैं। गावों में कोविड अस्पताल की आवश्यकता
अभी तो गावों में कोरोना का संक्रमण नियंत्रण में है। लेकिन यदि कोरोना का प्रसार वहां तेज हुआ तो स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में समय रहते गावों में कोविड केयर सेंटर या कोविड अस्पताल का चयन कर लिया जाए तो आने वाले समय में असुविधा नहीं होगी। अभी तो गाव के मरीजों को शहर के कोविड अस्पतालों में ही भर्ती कराया जा रहा है। कोट
कोविड 19 के नोडल डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि शहर के स्वास्थ्य टीम गावों में भी सक्रिय है। कोरोना संक्रमितों की खोज करना, उन्हें भर्ती कराने का काम तेजी से कराया जा रहा है। कहा कि यदि गावों में कोविड केयर सेंटर या अस्पताल की जरूरत पड़ी तो वह भी तैयार करा लिया जाएगा।