Move to Jagran APP

कृत्रिम हाथ का साथ मिला तो खिल उठे चेहरे

रोटरी इलाहाबाद नार्थ का शिविर सिविल लाइंस स्थित वात्सल्य सभागार में शनिवार को लगाया गया। इस दौरान 35 जरूरतमंद लोगों को कृत्रिम हाथ की सौगात दी गई। अमेरिका निर्मित एलएन-4 कृत्रिम हाथ लगाए गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 08:00 AM (IST)
कृत्रिम हाथ का साथ मिला तो खिल उठे चेहरे
कृत्रिम हाथ का साथ मिला तो खिल उठे चेहरे

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद :

loksabha election banner

सिविल लाइंस स्थित वात्सल्य सभागार में शनिवार को 35 लोगों की जिंदगी में नई सुबह का आगाज हुआ। जब उन्हें कृत्रिम हाथ का साथ मिला तो उनके चेहरे खुशियों से खिल गए। मौका था रोटरी इलाहाबाद नार्थ द्वारा आयोजित एलएन-4 कृत्रिम मुफ्त हाथ शिविर का। 'दैनिक जागरण' भी इस आयोजन में बतौर एसोसिएट पार्टनर सहयोगी है। दो दिवसीय इस शिविर के पहले दिन ट्रायल के तहत अमेरिका निर्मित कृत्रिम हाथ (एलएन-4) लगाए गए। रविवार को करीब 400 से अधिक लोगों को यह कृत्रिम हाथ लगाया जाएगा।

आयोजक संस्था के अध्यक्ष अनुपम टंडन व असिस्टेट प्रोग्राम मैनेजर अमित अग्रवाल की देखरेख में चल रहे इस शिविर का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। रोटरी क्लब ऑफ पूना डाउन टाउन के 12 सदस्यों की टीम यह कृत्रिम हाथ लगा रही है। शिविर की खास बात यह है कि इसमें लाभार्थी को एक भी रुपये नहीं देने हैं। रजिस्ट्रेशन से लेकर हाथ लगाने की प्रक्रिया तक पूरी व्यवस्था मुफ्त है। शनिवार को पहुंचे लाभार्थियों को जाते समय उपहारस्वरूप बैग आदि प्रदान किए गए। अमेरिका निर्मित इस हाथ की खासियत यह है कि व्यक्ति उस हाथ से चम्मच से खाना खा सकता है, गिलास व कप उठाकर चाय पी सकता है, कपड़े पहनने के अलावा बैग उठाने जैसे कार्य कर भी कर सकता है। पहले दिन आयोजन की सफलता में संस्था के संजय गुप्ता, तरूण जग्गी, कुलजीत सिंह, आकाश पुरी, संदीप, अभिलाष जैन, अमित कक्कड़ शरद जैन, सौरभ अग्रवाल आदि ने सहयोग किया। पुणे से आई टीम में प्रदीप मुनौत, शबीर, अनिल चढ्डा, विक्रमजीत, राजेश गप्ता, आशीष राय, मनोज, हरीश, हसन शेख, दीपिका चढ्डा, इप्सिता रे आदि शामिल हैं। फोटो-पीपी:::कृत्रिम हाथ से जग रही उम्मीद : प्रदीप

पुणे से आए रोटरी क्लब ऑफ पूना डाउन टाउन के मेंबर प्रदीप मुनौत ने बताया कि कृत्रिम हाथ ऐसे लोगों को लगाया जा सकता है जिनकी कोहनी के चार इंच नीचे तक हाथ किसी हादसे में खराब हुआ हो। कृत्रिम हाथ के बारे में उन्होंने बताया कि इसे अमेरिका में तैयार किया जाता है। यह चार-पांच साल उम्र के अधिक के बच्चों को भी लगाया जा सकता है। जानकारी दी कि कई जगह प्लास्टिक और स्टील निर्मित कृत्रिम हाथ लगाए गए हैं। 29 वां शिविर इलाहाबाद में लगाया जा रहा है।

-फोटो-

मेडिकल छात्राओं को दी गई ट्रेनिंग

रविवार को किसी तरह की समस्या न हो इसके लिए शनिवार को ही पूरी तैयारी कर ली गई। वात्सल्य नर्सिग स्कूल की छात्राओं को विशेषज्ञों ने जरूरी हिदायतें दीं। फोटो--

शेख अब लोगों को देते हैं ट्रेनिंग

पुणे के शेख हसन। 28 साल पहले जब उनका दाहिना हाथ ऑयल मशीन से कट गया तो वह लाचार हो गए। चार साल पहले उन्हें कृत्रिम हाथ लगाया गया। अब शेख हसन खुद इसके विशेषज्ञ हो गए हैं। देश के किसी भी कोने में कैंप लगता है तो वह वहां पहुंचते हैं और इस हाथ के बारे में लोगों को बताते हैं।

लाभान्वित बोले अब सहारे की जरूरत नहीं

दूर दराज से आने वाले लाभार्थियों को जब कृत्रिम लगाया तो उनके साथ साथ परिवार वाले खुशी से झूम उठे। 'दैनिक जागरण' से बातचीत में उन्होंने अपनी खुशी का इजहार किया। ऐसे ही कुछ लोगों की राय .. फोटो-

मथुरा प्रसाद

नैनी निवासी मथुरा प्रसाद का बायां हाथ वर्ष 2007 में कटाई मशीन से कट गया था। उन्होंने कहा कि बहुत दिक्कत होती थी लेकिन अब मुक्ति मिलने की उम्मीद हे। फोटो-

मो. फैजी

अटाला निवासी मो. फैजी का दोनों हाथ वर्ष 1997 में बाइडिंग मशीन से कट गया था। कृत्रिम हाथ लगने से वह भी प्रसन्नचित नजर आए। कहा कि अब दैनिक कार्य आसानी से हो सकेंगे। फोटो-

अनीश अहमद

मोइनपुर निवासी अनीश अहमद का दोनों हाथ 19 साल पहले थ्रेसर से कट गया था। बोले दैनिक जागरण से जानकारी मिली तो रजिस्ट्रेशन करा लिया। अब हाथ भी लग गया है, इससे बहुत आसानी होगी। फोटो-

मृत्युंजय सिंह

मिर्जापुर से अपने बेटे अतुल सिंह के साथ आए मृत्युंजय सिंह की खुशी भी देखते ही बनी। उनका हाथ मशीन से चारा काटते समय कट गया था। बोले अब खेती बारी में सुविधा होगी। फोटो-

हर्षिता

नैनी निवासी हर्षिता का एक हाथ जन्म से नहीं है। सातवीं कक्षा की हर्षिता को जब कृत्रिम हाथ लगा तो वह उसे निहारती रही। पिता संजय कुमार तिवारी और माता सीमा तिवारी भी प्रसन्नचित नजर आईं।

फोटो-

उमादेवी

कौशांबी में मंझनपुर की उमा देवी अपने बेटे राजकुमार के साथ कृत्रिम हाथ लगवाने पहुंची थीं। हाथ लगने के बाद वह बाहर एक बैग अपने हाथ से उठाकर यह देख रहीं थी कि इसे उठा लेंगी या नहीं। 18 साल पहले कुट्टी मशीन से उनका हाथ कट गया था। बोलीं अब हमें आसानी होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.