Driving License के लिए व्यवस्था तो ऑनलाइन फिर भी दलालों का है दखल Prayagraj News
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था के तहत समय बुक करने में पिछले कई महीनों से खेल चल रहा है। व्यवस्था आनलाइन होने के बावजूद दलालों का दखल कम नहीं हुआ है।
प्रयागराज, जेएनएन। अगर आपको जिले के आरटीओ ऑफिस (संभागीय परिवहन विभाग) में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाना है तो निर्धारित शुल्क के अलावा पांच सौ से पांच हजार तक सुविधा शुल्क देने को भी तैयार रहें। आप डिजीटल तकनीक का भले इस्तेमाल कर रहे हों लेकिन डीएल के लिए समय को बुक (टाइम स्लाट) करना आसान नहीं है। खासतौर पर लर्निंग लाइसेंस का।
रेलवे के तत्काल टिकट की तरह ही दलाल हॉवी हैं
डीएल के लिए समय बुक करने के लिए रेलवे के तत्काल टिकट की तरह ही दलाल हॉवी हैं। रात 12 बजे नए दिन की बुकिंग खुलने पर मिनटों में ही लर्निंग लाइसेंस के लिए परीक्षा की सभी 400 सीटें वे बुक कर लेते हैं। दूसरी ओर, आम व्यक्ति आवेदन की प्रक्रिया में ही उलझा रहता है और जब तक वह समय की बुकिंग के लिए पहुंचता है तब तक सारी सीटें बुक हो चुकी होती है।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पहले भी आसान नहीं था
वैसे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पहले भी आसान नहीं था, इसमें दलाल हावी रहते थे। दलालों का दखल न हो और जो व्यक्ति गाड़ी चला सके, वह खुद डीएल बनवा ले। इसके लिए करीब पांच साल पहले जिले में परीक्षा के समय (स्लाट) की बुकिंग व्यवस्था ऑनलाइन की गई। इससे काम पारदर्शी हुआ लेकिन इसके लिए होने वाली परीक्षा में मामला फिर उलझ गया। इस परीक्षा के लिए स्लाट बुक करना और फिर उसे पास करना कठिन है। ऐसे में लोगों को दलालों की शरण में जाना पड़ता है। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर दलाल पांच सौ से पांच हजार रुपये तक वसूल रहे हैं।
नया मोटर वाहन एक्ट लागू होने के बाद मारामारी
पांच महीने पहले तक डीएल का स्लाट बुक करने में परेशानी नहीं होती थी। पहली सितंबर से केंद्र सरकार ने संशोधित मोटर वाहन एक्ट लागू कर दिया। इसमें डीएल या ट्रैफिक से जुड़े कागजात न होने पर भारी जुर्माना लगा दिया है तो आवेदकों की संख्या भी तेजी से बढ़ गई। लोग फार्म आसानी से भर लेते है लेकिन परीक्षा के लिए स्लाट बुक करना सबसे कठिन है।
दो माह तक की होती है बुकिंग
लंर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए परीक्षा देने के लिए दो महीने की बुकिंग एडवांस होती है। इसके लिए वेबसाइट रात 12 बजे खुलती है कुछ मिनटों में ही निर्धारित 400 सीट बुक हो जाती है।
सीएए ने बढ़ाई परेशानी
यहां तक ठीक था। दिसंबर में केंद्र सरकार ने सीएए लागू कर दिया। आगे एनआरसी और एनपीआर की बात चल रही है। इसने लोगों में अपने परिचय के लिए कागजात एकत्र करने का खौफ पैदा कर दिया। इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की मारामारी लगातार जारी है।
कितनी है डीएल की फीस
- 350 रुपये लर्निंग लाइट मोटर वेहिकल (एलएमवी) के लिए
- 1000 रुपये स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए।
बोले एआरटीओ प्रशासन
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों से डीएल के लिए मारामारी हो गई है। लोगों की भीड़ को देखते हुए रोजाना 400 लोगों को टेस्ट कराया जा रहा है, जबकि पहले यह 300 था। टेस्ट में रोजाना करीब 50 से 60 फीसद पास होते हैं। जो फेल होते हैं, फिर से वह स्लाट बुक करते हैं। स्लाट बुक करने में दलाल हाई स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल करते है। कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।