अक्षयवट की अभेद्य सुरक्षा में लगी आर्मी, पैरामिलिट्री और पुलिस
सीएम आदित्यनाथ योगी ने आम लोगों के लिए अक्षयवट व सरस्वती कूप का पट खोल दिया है। इसकी अभेद्य सुरक्षा में लगी आर्मी, पैरामिलिट्री और पुलिस तैनात है।
प्रयागराज : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अक्षयवट द्वार का अनावरण कर इसे आम जनता के दर्शन के लिए खोल दिया। अब करोड़ों श्रद्धालु अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन बेरोकटोक कर सकेंगे। इसके लिए तीन स्तरीय सुरक्षा कवच बनाया गया है। किले में स्थित अक्षयवट की सुरक्षा के लिए आर्मी ने भी किलेबंदी कर रखी है। किले की छत, जाली लगी खिड़कियों पर आर्मी के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर मोर्चा संभाले हैं। अक्षयवट जाने और निकलने वाले मार्ग पर सुरक्षा की कमान हर दस कदम पर आर्मी, पैरामिलिट्री के जवानों के हाथ में है। समन्वय के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम भी तैनात है।
कुंभ मेले में सबसे अधिक सिक्योरिटी अक्षयवट की
सबसे बड़े धार्मिक मेला कुंभ में देश की सभी सुरक्षा एजेंसियों ने कमान संभाली हुई है। सिक्योरिटी प्लान में सबसे अधिक इंतजाम अक्षयवट को लेकर किए गए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री के आगमन पर अक्षयवट के जो सुरक्षा इंतजाम थे वही आम जनता के दर्शन के दौरान भी रहेंगे। अक्षयवट मार्ग पर प्रवेश करते ही हर शख्स आर्मी और पैरामिलिट्री के जवानों की निगरानी में रहेगा। अक्षयवट दर्शन को जाने और आने के लिए दो मार्ग बने हैं।
एक लेन सुरक्षा की भी रहेगी, हर दस पर मिलिट्री
अक्षयवट जाने वाले मार्ग के साथ ही एक लेन सुरक्षा इंतजामों के लिए बनी है। इसमें दस कदम की दूरी पर जवान तैनात हैं। किले की छत के हर कोने में मशीनगन लेकर सैन्यकर्मी लगाए गए हैं। कुछ कुछ दूरी पर सीआइएसएफ के जवान हथियार लेकर निगरानी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की चेकिंग, सामान की तलाशी के लिए दो जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती है।
स्कैनिंग मशीन से सामान की चेकिंग
अक्षयवट मार्ग पर प्रवेश करते ही स्कैनिंग मशीन के जरिए सामान की चेकिंग की जा रही है। मोबाइल, कैमरा और डायरी की जांच के बाद ही अक्षयवट मार्ग पर जाने की अनुमति दी जा रही है। प्रवेश द्वार पर पुलिस के जवान हर शख्स की तलाशी ले रहे हैं। कुछ दूर जाने पर पुलिस का एक और चेकिंग प्वाइंट है। यहां फिर से पुलिस की जांच से गुजरना पड़ेगा। पूरे रास्ते हर व्यक्ति सीसीटीवी कैमरों की जद में रहेगा। हर एंगल, कोने और मोड़ पर सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है। सुरक्षा इंतजाम ऐसे हैं कि अब अक्षयवट के दर्शन-पूजन श्रद्धालु बिना भेदभाव, रोक-टोक के कर सकेंगे।
खास बातें
- 28 हजार श्रद्धालु रोज कर सकेंगे पवित्र वट के दर्शन
- 05 बजे भोर से शाम सात बजे तक हो सकेगा दर्शन-पूजन
- 01 घंटे दोपहर में साफ-सफाई के मद्देनजर दर्शन नहीं हो सकेगा
- 04 सौ पुलिस, सेना व सीआइएसएफ के जवान सुरक्षा में होंगे तैनात
- 03 विभागों पुलिस, प्रशासन व सेना के नोडल अफसरों की भी तैनाती
- 03 करोड़ रुपये से दर्शन के लिए किला में कराए गए हैं कार्य
यही चढ़ेगा प्रसाद
अक्षयवट दर्शन के लिए सूखा मेवा, सूखा नारियल, इलायचीदाना आदि ही जा सकेगा। अन्य प्रसाद सामग्री लोग नहीं ले जा सकेंगे।
यह सामान प्रतिबंधित रहेगा
मूल अक्षयवट दर्शन के लिए किले में प्रवेश के दौरान मोबाइल, कैमरा, रिमोट-की, बेल्ट, लाइटर आदि प्रतिबंधित रहेगा।
दर्शन के लिए सुरक्षा इंतजाम
- 01 एडीएम व दो मजिस्ट्रेट तैनात
- 01 एएसपी व दो डिप्टी एसपी तैनात
- 06 इंस्पेक्टर रहेंगे मुस्तैद
- 36 सब इंस्पेक्टर की तैनाती
- 210 कांस्टेबल भी रहेंगे
- 02 टीमें रेडियो-वायरलेस की भी
- 02 खुफिया टीमें भी लगीं
- 01 हेल्थ कैंप की स्थापना
किले में ढाई किमी का 'परिपथ'
अक्षयवट दर्शन के लिए ऐतिहासिक किले में ढाई किमी का 'परिपथ' तैयार किया गया है। अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप को जोडऩे के लिए यह परिपथ बनाया गया है। किला घाट मार्ग पर स्थित किले के गेट से ही प्रवेश होगा। दर्शन-पूजन के बाद त्रिवेणी बांध के नीचे परेड की ओर किला से बाहर होंगे। यह परिपथ किला के गेट से अक्षयवट, वहां से लौटकर पातालपुरी और गुरुद्वारा के सामने से सरस्वती कूप तक है।