Army Recruitment : फर्जीवाड़ा में शामिल है डिब्रूगढ़ का फौजी, सरगना से पूछताछ में प्रयागराज पुलिस से यही कहा
Army Recruitment सेना भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग का प्रयागराज एसटीएफ ने राजफाश किया है। सरगना को एसटीएफ ने यहां कंपनी बाग के पास से दबोच लिया। उससे एसटीएफ ने लंबी पूछताछ की। उसने बताया कि इस फर्जीवाड़ा में डिब्रूगढ़ का एक फौजी भी शामिल है।
प्रयागराज, जेएनएन। Army Recruitment युवाओं से मोटी रकम लेकर सेना में भर्ती कराने वाले गिरोह में डिब्रूगढ़ में तैनात फौजी पवन उर्फ स्वप्निल सूर्यवंशी भी शामिल है। उसके जरिए ही गिरोह का सरगना मुलायम सिंह यादव मेडिकल में अनफिट अभ्यर्थियों को पास करवाता था। फर्जीवाड़ा कर वसूली गई 25 लाख की रकम भी उसे लखनऊ में दी गई थी। अब इस मामले की जांच मिलिट्री इंटेलिजेंस ने भी शुरू कर दी है। पुलिस की ओर से भी सेना को पत्र लिखा जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि पवन से पूछताछ में कुछ और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
जनवरी 2020 में एसटीएफ ने गिरोह का किया था भंडाफोड़, सरगना तब से था फरार
स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने जनवरी 2020 में सेना में फर्जीवाड़ा कर भर्ती कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था। साथ ही फौजी गाजीपुर निवासी प्रदीप सिंह यादव, कुशीनगर के संजय पांडेय व जौनपुर के त्रिपती नाथ सरोज और कुशीनगर में रहने वाले मुलायम के मामा के बेटे मनीष सिंह यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। सभी के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखा गया था।
सरगना को एसटीएफ ने कंपनी बाग के पास से दबोचा
उसी गिरोह का सरगना कौशांबी के सैनी थाना क्षेत्र के शाखा गांव निवासी मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय उर्फ सोनू पुत्र राम अभिलाष वांछित था। पिछले दिनों मुलायम जब अपने काम से शहर आया तो एसटीएफ इंस्पेक्टर अतुल सिंह व केसी राय ने कर्नलगंज पुलिस की मदद से उसे कंपनी बाग के पास से दबोच लिया। एडिशनल एसपी एसटीएफ नीरज पांडेय ने बताया कि मुलायम 2003 में सेना में बतौर जीडी कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था और 30 अप्रैल 2020 को जोधपुर से रिटायर हुआ है। नौकरी के दौरान वह एएमसी बेस हॉस्पिटल लखनऊ में नर्सिंग असिस्टेंट के पद पर तैनात रहे पवन उर्फ स्वप्निल के संपर्क में आया और फिर युवाओं से मोटी रकम लेकर उन्हें सेना भर्ती कराने के लिए गिरोह बनाकर काम करने लगा था।
सैकड़ों को कराया कराया भर्ती
मुलायम सिंह पिछले कई सालों से फर्जीवाड़ा कर रहा था। इस दौरान उसने सैकड़ों युवकों से पैसा लेकर सेना में भर्ती कराया था। पूछताछ में उसने बताया कि मेडिकल पास कराने के लिए एक उम्मीदवार से 60 हजार से एक लाख रुपये तक लेता था। वहीं पूरी भर्ती कराने के लिए पांच से दस लाख लेता था। इस तरह करोड़ों रुपये कमाया है। भर्ती के इच्छुक युवकों की मार्कशीट व सर्टिफिकेट को यह रख लेते थे और फिर मनीष व प्रदीप वाट््सएप पर फोटो खींचकर भेज देते थे। फिर मुलायम उसे पवन के पास भेज देता था, जो मेडिकल आदि में पास कराने का काम करता था।
अनफिट अभ्यर्थियों को भी कराते थे पास
चौंकाने वाली बात यह है कि गिरोह का सरगना और उसके साथी अनफिट अभ्यर्थियों को भी पैसा लेकर पास करवा देते थे। पैसा वसूलने की जिम्मेदारी मनीष व प्रदीप की थी, जबकि संजय पांडेय कंडीडेट तलाशता था। पैसा सभी लोग आपस में बांटते थे। अभियुक्त मुलायम ने यह भी कबूल किया है कि मिलिट्री हॉस्पिटल प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ आदि में कई सैन्य व सिविल अधिकारियों से भी संपर्क है।