Umesh Pal Murder: तो क्या सासाराम की जेल में बंद है उमेश पाल हत्याकांड से फरार तीन शूटरों में से एक अरमान
Umesh Pal Murder उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार तीन शूटरों में से एक अरमान सासाराम जनपद का मूल निवासी है। सिविल लाइंस में फूड शाप खोलकर वह अतीक अहमद गैंग से जुड़ा था। अब पुलिस उसे जेल से छूटने के बाद गिरफ्तार करना चाहती है।
प्रयागराज, जासं। Umesh Pal Murder उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार तीन शूटरों में एक अरमान बिहारी क्या वास्तव में सासाराम जेल में बंद है। यह सवाल इसलिए कि कहा जा रहा है कि अरमान पुराने मामले में सरेंडर कर जेल गया तो प्रयागराज पुलिस को पता चला लेकिन पुलिस उसे बी वारंट पर लाने की बजाय जेल से छूटने पर गिरफ्तार करना चाहती है। इसीलिए इंतजार किया जा रहा है।
सासाराम जनपद का अरमान वर्षों पहले प्रयागराज आकर परिवार सहित अशोक नगर में रहने लगा। उसने पैलेस सिनेमाघर के बगल मोमोज और बिरयानी सहित फास्ट फूड की दुकान खोल ली। स्टाल भी लगा लिया। दुकान को नौकर संभालते और वह अतीक गिरोह के लोगों के साथ घूमता रहता। उनके साथ धमकाने और जमीन कब्जा करने का काम करता। शाइस्ता के साथ चुनाव प्रचार में भी लगा रहा। हालांकि वह पुलिस की नजर से बचा रहा क्योंकि किसी बड़ी घटना में उसका नाम नहीं आया था।
उमेश पाल हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज में वह बाइक पर गुड्डू मुस्लिम को लेकर आता दिखा। उसने कार में गनर पर फायर किया था। फिर शूटआउट के बाद वह गुड्डू मुस्लिम को बाइक पर बैठाकर भागा था। उमेश हत्याकांड के कुछ ही दिन बाद यह खबर फैली थी कि अरमान बिहार भाग गया और वहां सासाराम की अदालत में पुराने मुकदमे में समर्पण कर जेल चला गया। तब से अब तक पुलिस अधिकारी इस बात से लगातार इन्कार करते रहे हैं कि अरमान बिहार की किसी जेल में है।
मगर अब यह बात पुख्ता तौर पर कही जा रही है कि अरमान सासाराम जेल में है लेकिन पुलिस और एसटीएफ के अफसर इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। एक बात यह कही जा रही है कि अरमान के पीछे एसटीएफ की टीम लगी है। वह जेल में है तो उसके छूटने का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच हत्याकांड के बाद फरार अरमान की दुकान अवैध रूप से खुलने और उसकी कमाई शूटर को भेजने की बात सामने आने पर एसीपी करेली को मामले में जांच और कार्रवाई के लिए कहा गया है।
शाइस्ता पर गैंगस्टर केस लगाने की है तैयारी
अतीक अहमद की पत्नी 50 हजार रुपये की इनामी अभियुक्त शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और एसटीएफ ने पूरा जोर लगा दिया है लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रही है। शाइस्ता पर छह आपराधिक मुकदमे हैं। अब शाइस्ता के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज करने की तैयारी है ताकि अतीक और अशरफ के मारे जाने के बाद शाइस्ता के नाम की संपत्तियों को भी जब्त करने के साथ ही उसके खिलाफ गिरोहबंदी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा सके।
आयशा नूरी की अर्जी पर फिर टली सुनवाई
अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की सरेंडर अर्जी पर सवा महीने बाद भी धूमनगंज थाने की पुलिस ने आख्या नहीं दी है। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की तिथि लगी थी। सीजेएम कोर्ट से पुकार हुई लेकिन आयशा नूरी की तरफ से कोई अधिवक्ता पेश नहीं हुआ। आयशा की अर्जी पर अब अगली सुनवाई 22 मई को होगी।