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Ration Card Portability : कोटेदारों की मनमानी खत्म और कार्ड धारकों को मिली राहत Prayagraj News

राशन कार्ड पोर्टबिलिटी योजना अब ग्रामीण इलाकों में भी लागू हो गई है। इससे किसी भी सरकारी दुकान से राशन ले सकेंगे। राशन कार्ड से आधार कार्ड का लिंक होना जरूरी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:34 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 08:34 AM (IST)
Ration Card Portability : कोटेदारों की मनमानी खत्म और कार्ड धारकों को मिली राहत Prayagraj News
Ration Card Portability : कोटेदारों की मनमानी खत्म और कार्ड धारकों को मिली राहत Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। आप ग्रामीण इलाके में रहते हैं और राशन के लिए दूर स्थित सरकारी दुकान जाना पड़ता है। अब इस समस्या से आपको सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि अब कार्ड धारक किसी भी कोटेदार से अपना राशन ले सकते हैं। यही नहीं कोटेदार की मनमानी भी नहीं चलेगी। क्योंकि कई कोटेदार कार्ड धारकों को खूब दौड़ाते थे अब उनकी नहीं चलेगी।

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ग्रामीण इलाकों में राशन पोर्टबिलिटी योजना लागू

राशन कार्ड पोर्टबिलिटी योजना के तहत अब राशन कार्ड धारक किसी भी कोटेदार से राशन ले सकता है। ग्रामीण इलाकों में यह व्यवस्था बुधवार से लागू हो गई। हालांकि शहर में यह योजना दो माह पहले ही लागू हो चुकी है। इससे कोटेदारों की मनमानी कम होगी और राशन कार्ड धारकों को राहत मिलेगी। एडीएम आपूर्ति जितेंद्र कुशवाहा ने बताया कि इस व्यवस्था का पालन न करने वाले कोटेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड से आधार कार्ड लिंक होना आवश्यक है

एडीएम आपूर्ति जितेंद्र कुशवाहा ने बताया कि शहर में कोई भी राशन कार्ड धारक किसी भी कोटेदार से राशन ले सकता है। हालांकि इसके लिए राशन कार्ड से उसका आधार कार्ड लिंक होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि राशन कार्ड पोर्टबिलिटी की सुविधा नवंबर महीने से ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू कर दी गई है। ऐसा करने के बाद विवाद नहीं होंगे और लोगों को राशन भी आसानी से मिल जाएगा। साथ ही यह भी पता चला जाएगा कि कौन कोटेदार राशन बांटने में मनमानी करता है और कौन सही काम कर रहा है।

राशन कार्ड पोर्टबिलिटी की सुविधा मिट्टी के तेल वितरण पर लागू नहीं होगी

एडीएम आपूर्ति ने बताया कि राशन कार्ड पोर्टबिलिटी की व्यवस्था मिट्टी के तेल यानी केरोसिन ऑयल के वितरण पर लागू नहीं होगी। मिट्टी का तेल उसके मूल कोटेदार के यहां से ही मिलेगा।


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