Magh Mela-2020 : कुंभ की भव्यता का असर, जमीन व सुविधाओं के लिए आए दोगुने आवेदन Prayagraj News
जी हां इसे कुंभ मेला-2019 का इफेक्ट ही कह सकते हैं कि इस बार माघ मेला में भूमि और सुविधाओं की मांग करने वाले आवेदकों की संख्या भी बढ़ी है।
प्रयागराज, जेएनएन। दिव्य और भव्य कुंभ का असर माघ मेला-2020 में भी दिखाई दे रहा है। इस बार मेले में शिविर लगाने के लिए अब तक लगभग चार हजार संस्थाएं आवेदन कर चुकी हैैं। माघ मेला-2018 में लगभग 22 सौ संस्थाओं को जमीन और टेंट इत्यादि की सुविधाएं दी गई थीं।
तंबुओं की नगरी में नए कल्पवासियों की संख्या बढऩे की उम्मीद
जनवरी में संगम तट पर आबाद होने वाली तंबुओं की नगरी में अस्थायी ठिकाने के लिए होड़ अभी से दिखाई देने लगी है। जप, तप और अध्यात्म की धरती पर नए कल्पवासियों की संख्या बढऩे की उम्मीद है। मेला प्रशासन का अनुमान है कि लगभग 10 से 12 हजार नए कल्पवासी आएंगे। वैसे हर साल लगभग एक लाख कल्पवासी आते हैैं। साधु-संतों और धार्मिक संस्थाओं के लोग भी जुटते हैैं। जमीन और सुविधाओं के लिए संस्थाएं रोज ही आवेदन कर रही हैैं। चार हजार से ज्यादा आवेदन हो चुके हैं। जमीन के लिए 10 दिसंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद 12 दिसंबर से जमीन आवंटन का कार्य शुरू हो जाएगा। पूर्व में 20 दिसंबर के बाद ही माघ मेले में जमीन का आवंटन शुरू हो पाता था। ज्यादा संस्थाओं के आवेदन को देखते हुए ही आठ दिन पहले आवंटन शुरू किया जा रहा है। मेला प्रशासन का दावा है कि सभी संस्थाओं जमीन देने की कोशिश होगी।
मेला क्षेत्र में एक सेक्टर बढ़ाया गया है
इस बार मेला क्षेत्र में एक सेक्टर बढ़ाया गया है। पहले तैयार ले-आउट में पांच सेक्टर थे, इसे अब छह सेक्टरों में कर दिया गया है। इतना ही नहीं इस बार क्षेत्रफल दो हजार बीघा है। पांच किमी तक स्नान घाट होंगे। वर्ष 2017 में माघ मेले का क्षेत्रफल 1432 बीघे था और वर्ष 2018 में 1797 बीघा। 10 जनवरी से शुरू होने वाले मेले के लिए तंबुओं की नगरी दारागंज में नागवासुकि मंदिर के पास से छतनाग तक तथा अरैल तक रहेगी। मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र कहते हैैं कि बिजली, पानी, सड़क और शौचालय के इंतजाम बढ़ाए गए हैैं।