CoronaVirus Effect : ऑनलाइन संवाद से हल हो रहे छात्रों के सवालों के जवाब Prayagraj News
पढ़ाई में दिलचस्पी के कारण ही बच्चों की उपस्थिति भी बेहतर रहती है। तमाम स्कूलों में 70-75 फीसद उपस्थिति रह रही है। ऑनलाइन क्लास में बच्चों की उपस्थिति दर्ज होती है।
प्रयागराज,जेएनएन। ज्यादातर कान्वेंट स्कूलों में जूम एप, वेबसाइट और गूगल क्लास के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। क्लास के लिए निर्धारित समय पर बच्चे स्मार्ट फोन लेकर बैठ जाते हैं। दिए जा रहे पाठ्यक्रम और नोट्स तो खूब समझ में आ ही रहे हैं। किसी सवाल के जवाब के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन संवाद भी हो रहा है।
लिंक टूटने पर होती है दिक्कत
संवाद में समस्या का पूरी तरह से समाधान भी हो रहा है। हां, थोड़ी मुश्किल उस वक्त होती है, जब खराब नेटवर्क का लिंक टूट जाता है। जूम एप से एक साथ 100 बच्चे जुड़ सकते हैं, लेकिन 40-50 बच्चों के जुडऩे से पढ़ाने में असुविधा नहीं होती है। लिहाजा, स्कूलों में 40-50 बच्चे ही जोड़े गए हैं।
बच्चों की उपस्थिति भी बेहतर
इस माध्यम से पढ़ाई में दिलचस्पी के कारण ही बच्चों की उपस्थिति भी बेहतर रहती है। तमाम स्कूलों में 70-75 फीसद तक औसत उपस्थिति रह रही है। ऑनलाइन क्लास में बच्चों की उपस्थिति भी एप के जरिए दर्ज होती है।
लिंक पर क्लिक कर छात्र जुड जाते हैं क्लास से
टैगेार पब्लिक स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक ने संजय श्रीवास्तव ने बताया कि टैगोर पब्लिक स्कूल में भी जूम एप के माध्यम से समय सारिणी के अनुसार पढ़ाई हो रही है। इस एप के जरिए टीचर विद्याॢथयों को लिंक भेजते हैं। जब विद्यार्थी लिंक पर क्लिक करता है तो वह क्लास से जुड़ जाता है। शिक्षक और बच्चों में परस्पर संवाद के कारण लाइव क्लास की रोचकता बनी रहती है।
पढाई में बहुत सहायक है यह एप
कक्षा 12 की छात्रा गौरी सिंह ने बताया कि ऑनलाइन क्लास में शिक्षक पाठ्यक्रम के बारे में समझाने के बाद होमवर्क के लिए मैटर उपलब्ध करा रहे हैं। पढ़ाई में वह बहुत सहायक हो रहा है। जो होमवर्क दिया जाता है, उसे कापी में भी नोट कर लेते हैं, जिससे वह अच्छे से तैयार हो जा रहा है। कभी-कभार नेटवर्क की समस्या होने से दिक्कत होती है।