लखनऊ की अंशु शुक्ला पीसीएसजे टापर, गोरखपुर के अंशुमाली नंबर दो
आखिरकार उप्र लोकसेवा आयोग ने पीसीएस-जे 2015 का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें 195 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है।
इलाहाबाद (राज्य ब्यूरो) आखिरकार उप्र लोकसेवा आयोग ने पीसीएस-जे 2015 का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें 195 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। लखनऊ की अंशु शुक्ला पहले स्थान पर हैं जबकि गोरखपुर के अंशु माली पांडेय दूसरे और सोनभद्र की रुचि श्रीवास्तव तीसरे स्थान पर हैं।
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आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दो सीटें छोड़कर अंतिम रिजल्ट घोषित किया है, क्योंकि दो सवालों को लेकर अब तक विवाद बना है। रिजल्ट को कार्यालय के सूचना बोर्ड पर चस्पा एवं आयोग की वेबसाइट यूपीपीएससी डॉट एनआइसी डॉट इन पर अपलोड कर दिया गया है। लोकसेवा आयोग की उप्र न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 2015 की प्रारंभिक परीक्षा पिछले वर्ष कराई गई थी। इम्तिहान में कुछ सवाल गलत पूछे गए थे उसे प्रतियोगी छात्रों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आयोग ने कोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया था कि दो सवाल गलत हैं। इस पर कोर्ट ने फिर से परिणाम जारी करने को कहा था।
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आयोग ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसकी वजह यह थी कि जब हाईकोर्ट ने आदेश दिया उस समय तक आयोग ने मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करके साक्षात्कार तक करा लिए थे। आयोग की मुख्य परीक्षा का परिणाम आठ मार्च 2016 को जारी हुआ इसमें 605 अभ्यर्थी सफल हुए थे और साक्षात्कार सात अप्रैल से 27 अप्रैल तक कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से सामान्य वर्ग की दो सीटें छोड़कर परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था। उसी का अनुपालन करते हुए आयोग ने शुक्रवार को 197 रिक्तियों के सापेक्ष 195 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से सफल घोषित किया है।
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आयोग के सचिव चंद्रपाल सिंह ने बताया कि परीक्षा परिणाम से संबंधित अभ्यर्थियों का प्राप्तांक एवं श्रेणीवार व पदवार कटऑफ अंक की सूचना जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। इस संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्रार्थनापत्र स्वीकार नहीं होंगे। साथ ही जिन अभ्यर्थियों के सामने प्रोविजनल अंकित है वह वांछित अभिलेख प्रस्तुत कर दें।
प्रतियोगी मोर्चा रिजल्ट से असहमत
पीसीएस-जे 2015 की प्रारंभिक परीक्षा के गलत सवालों को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाला प्रतियोगी छात्र संघर्ष मोर्चा इस परिणाम से सहमत नहीं है। मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने कहा है कि दो सवालों की वजह से कई ऐसे अभ्यर्थी सफल हो गए होंगे, जिन्हें बाहर हो जाना चाहिए था और इन्हीं सवालों के कारण कई मेधावियों को बाहर हो जाना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चार सीटें छोडऩे को कहा था, लेकिन आयोग ने दो सीटें ही छोड़ी है यह न्यायालय की अवमानना है।