भर्ती के नाम पर अमरोहा के शख्स से ठगे थे पौने चार करोड़
50 करोड़ की ठगी के मामले परत दर परत खुल रहे हैं। अब अमरोहा के एक व्यक्ति पुलिस के सामने आया है। उसने बताया कि नौकरी के नाम पर उससे चार करोड़ रुपये जालसाजों ने ठग लिए।
प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय और पटना उच्च न्यायालय में सीधी भर्ती करने के नाम पर 50 करोड़ की ठगी के मामले में कई और तथ्य सामने आए हैं। अमरोहा के कई शख्स प्रयागराज पहुंचे और एसटीएफ अफसरों से मुलाकात की। उन्हें बताया कि जेल गए जालसाजों ने अमरोहा, बदायूं आदि जिलों के कई बेरोजगारों को ठगा है। उस शख्स ने करीब पौने चार करोड़ रुपये जालसाजों को दिए थे। शातिरों ने सात युवकों को हाईकोर्ट में समीक्षा अधिकारी, क्लर्क और कंप्यूटर ऑपरेटर का नियुक्ति पत्र तक दे दिया था।
जालसाजी करने वाले गिरोह ने 50 करोड़ की ठगी की थी
एसटीएफ ने जालसाजी कर 50 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। गिरोह ने इलाहाबाद और पटना हाईकोर्ट में भर्ती कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये वसूले। साथ ही इनकम टैक्स, सिंचाई विभाग और सेतु निगम में भर्ती के नाम पर रुपये लिए थे। सरगना मोहम्मद शमीम सिद्दीकी खुद को हाईकोर्ट का डिप्टी रजिस्ट्रार बताता था। दूसरा आरोपित राघवेंद्र सिंह मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का असिस्टेंट प्रॉक्टर था।
जालसाजों ने नौकरी का नियुक्ति पत्र तक दे दिया था
मामले की जांच कर रहे सीओ एसटीएफ नवेंदु कुमार के पास मंगलवार को अमरोहा और बदायूं के कई शख्स पहुंचे। सीओ के मुताबिक, पुराना बस अड्डा, अमरोहा के रहने वाले इमरत सिंह का कहना है कि उसने सरगना शमीम और राघवेंद्र को पौने चार करोड़ रुपये दिए। कई युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर यह रुपये लिए थे। वर्ष 2016 में जालसाजों ने हाईकोर्ट और इनकम टैक्स में नौकरी का नियुक्ति पत्र तक दे दिया था। जब वह ज्वाइन करने पहुंचे तो उन्हें फर्जीवाड़ा का पता चला। तब शातिरों ने मोबाइल बंद कर दिए थे। अब उन्हें आरोपितों के जेल जाने का पता चला तो वह प्रयागराज पहुंचे। नवेंदु कुमार के मुताबिक, जालसाजी का शिकार हुए सभी लोगों के नाम पते और अन्य जानकारी लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। सभी से कहा गया है कि वह थाने में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज कराएं।