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Lok Sabha Election 2019 : इलाहाबादी बहू जया को मुंह दिखाई में मिले वोट से अमिताभ जीत गए चुनाव

सुपरस्‍टार अमिताभ बच्चन का ग्‍लैमर 1984 के इलाहाबाद संसदीय सीट के चुनाव में छाया रहा। नामांकन से मतदान तक एक झलक पाने को बेताबी रही। जया को इलाहाबादी बहू का दर्जा मिला था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 10:40 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : इलाहाबादी बहू जया को मुंह दिखाई में मिले वोट से अमिताभ जीत गए चुनाव
Lok Sabha Election 2019 : इलाहाबादी बहू जया को मुंह दिखाई में मिले वोट से अमिताभ जीत गए चुनाव

राजकुमार श्रीवास्तव, प्रयागराज : वर्ष 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ समय बाद हुए आम चुनाव में मेगास्टार अमिताभ बच्चन को जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इलाहाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया तो ऐसी सियासी हवा बही कि जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। सहानुभूति की लहर पहले से थी, ग्लैमर का तड़का इसे और चटख कर गया। इलाहाबाद की बहू यानी जया बच्चन को मुंह दिखाई में मिले इतने वोट कि उनके पति अमिताभ बच्चन जीत गए।

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अमिताभ के नामांकन के दौरान ठसाठस भीड़ से गिरी थी दीवार और शेड

अमिताभ जब नामांकन के लिए कचहरी पहुंचे तो उनकी एक झलक पाने के लिए पूरा कलेक्ट्रेट ठसाठस भरा था। नौजवानों में इतना उत्साह था कि वह कलेक्ट्रेट स्थित तत्कालीन साइकिल स्टैंड की दीवार और टीन शेड पर चढ़ गए थे। इतने लोग चढ़ गए कि दीवार और टीन शेड भरभराकर गिर गया।

नीम की डाल भी गिरी, लोग चोटिल हुए थे

नीम की डाल पर लोग बैठे थे। अधिक भार के कारण तीन डालें टूटकर गिर गईं। लिहाजा, काफी लोग चोटिल हो गए थे। भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई, तब सिने स्टार को किसी तरह निकालकर बाहर ले जाया गया। सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूट गए। दूसरी कार में बैठाकर उन्हें निकाला गया।  

कद्दावर नेता बहुगुणा के खिलाफ चुनाव मैदान में थे अमिताभ

अमिताभ उस समय दलित मजदूर किसान पार्टी (दमकिपा) के उम्मीदवार रहे हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ चुनाव मैदान में थे। अपने चुनावी भाषणों में उस समय के दिग्गज नेता माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने यह कहना शुरू किया कि 'मैं इलाहाबाद (अब प्रयागराज) का हूं, मुझे वोट दीजिए'।  जवाब में अमिताभ ने दारागंज की चुनावी सभा में उस समय पूरे देश में लोकप्रिय फिल्मी गाना 'छोरा गंगा किनारे वाला' सुना दिया था। कहा, मेरी शिक्षा ब्वायज हाईस्कूल में हुई, मेरे पिता इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापक थे और मैं कटघर का निवासी हूं।

अमिताभ का नारा था 'विकास के वास्ते, चुनाव के रास्ते'

अमिताभ बच्चन ने नारा दिया था 'विकास के वास्ते, चुनाव के रास्ते'। इसी नारे को लेकर पूरे शहर की दीवारों पर पेंटिंग कराई गई। चुनाव में उस समय की मशहूर सिने तारिका जया बच्चन भी पति के लिए वोट मांगने आईं। उन्होंने खुद को इलाहाबाद की बहू बताते हुए मुंह दिखाई में लोगों से वोट मांगा था। अमिताभ भारी अंतर से बहुगुणा से चुनाव जीते।

बिछा दिए थे अपने दुपट्टे

 प्रचार के दौरान एक दिन अमिताभ का रोड शो जानसेनगंज से गुजरने वाला था। वहां पहले से मौजूद कुछ लड़कियों ने काफिले के आने के पहले अपना दुपट्टा सड़क पर बिछा दिया। हालांकि अमिताभ ने दुपïट्टा हटवा दिया था। वह उस पर होकर नहीं गुजरे। रोड शो में ठसाठस भरी सड़कों से ज्यादा भीड़ सड़कों से सटे मकानों की छतों और बारजों पर होती थी। कटरा के नेतराम चौराहे पर एक युवती बस पर चढ़ गई थी, जिस पर खड़े होकर अमिताभ बच्चन लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे।


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