Move to Jagran APP

महर्षि भृगु स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करने 27 को संगम पहुंच रहे अमित शाह

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अब प्रयागराज में संगम तट पर स्नान-ध्यान और पूजन करेंगे। शाह के 27 जुलाई को प्रयाग आने का कार्यक्रम तय हो चुका है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 07:02 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 08:29 AM (IST)
महर्षि भृगु स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करने 27 को संगम पहुंच रहे अमित शाह
महर्षि भृगु स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करने 27 को संगम पहुंच रहे अमित शाह

इलाहाबाद (जेएनएन)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अब प्रयागराज में संगम तट पर स्नान-ध्यान और पूजन करेंगे। शाह के 27 जुलाई को प्रयाग आने का कार्यक्रम तय हो चुका है। वह दोपहर बाद इलाहाबाद शहर पहुंचेंगे। यमुना बैंक रोड स्थित मौज गिरि मंदिर जाएंगे। वहां मंत्रोच्चार के बीच भृगु ऋषि द्वारा स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करेंगे। मंदिर परिसर में महंतों के साथ बैठक करके कुंभ मेला की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। वह यहां स्थित मौज गिरि मंदिर से वह संगम जाएंगे।

loksabha election banner

वहां कुंभ मेला की सकुशल संपन्नता को लेकर पूजन करके लेटे हनुमान जी का दर्शन करने जाएंगे। वहां हनुमान जी की आरती उतारेंगे। मंदिर में कुछ देर रुकने के बाद सर्किट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। रात्रि का भोजन मठ बाघंबरी गद्दी में संतों के साथ करेंगे। महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि उनके पास अमित शाह के आने की सूचना आ गई है। 

जानें महर्षि भृगु को

महर्षि भृगु को ब्रह्मा के मानस पुत्र माना जाता है। वह आज से लगभग 9000 वर्ष पूर्व के थे। इनके बड़े भाई का नाम अंगिरा था। अत्रि, मरीचि, दक्ष, वशिष्ठ, पुलस्त्य, नारद, कर्दम, स्वायंभुव मनु, कृतु, पुलह, सनकादि ऋषि इनके भाई हैं। ये विष्णु के श्वसुर और शिव के साढू थे। महर्षि भृगु को सप्तर्षि मंडल में स्थान है। महर्षि भृगु की पहली पत्नी का नाम ख्याति था, जो उनके भाई दक्ष की कन्या थी। इसका मतलब ख्याति उनकी भतीजी थी। दक्ष की दूसरी कन्या सती से भगवान शंकर ने विवाह किया था। ख्याति से भृगु को दो पुत्र दाता और विधाता मिले और एक बेटी लक्ष्मी का जन्म हुआ।

स्वायंभुव मनु और मनुस्मृति 

महर्षि भृगु ने लक्ष्मी का विवाह भगवान विष्णु से कर दिया था। भृगु पुत्र धाता के आयती नाम की स्त्री से प्राण, प्राण के धोतिमान और धोतिमान के वर्तमान नामक पुत्र हुए। विधाता के नीति नाम की स्त्री से मृकंड, मृकंड के मार्कण्डेय और उनसे वेदश्री नाम के पुत्र हुए। पुराणों में कहा गया है कि इनसे भृगु वंश बढ़ा। इन्हीं भृगु ने भृगु संहिता की रचना की। उसी काल में उनके भाई स्वायंभुव मनु ने मनुस्मृति की रचना की। भृगु के और भी पुत्र थे जैसे उशना, च्यवन आदि। ऋग्वेद में भृगुवंशी ऋषियों द्वारा रचित अनेक मंत्रों का वर्णन मिलता है जिसमें वेन, सोमाहुति, स्यूमरश्मि, भार्गव और आर्वि आदि का नाम आता है। भार्गवों को अग्निपूजक माना गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.