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Magh Mela 2021 : तमाम अव्यवस्थाओं के बीच मकर संक्राति पर गंगा में डुबकी लगा रहे हैं लोग

कोरोना के चलते इस बार माघ मेला की तैयारी देर से शुरू हुई। इसलिए पहले स्नान पर्व तक मेला पूरी तरह से सज नहीं पाया है। अभी सभी संस्थाओं के कैंप नहीं लगाए जा सके हैं। सुविधा के लिए संस्था वाले मेला प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:00 AM (IST)
Magh Mela 2021 : तमाम अव्यवस्थाओं के बीच मकर संक्राति पर गंगा में डुबकी लगा रहे हैं लोग
माघ मेला के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर भोर से लोग गंगा और संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। तमाम अव्यवस्थाओं के बीच माघ मेला 2021 के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर गुरूवार भोर से लोग गंगा और संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं।  इस पर्व पर 80 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने की उम्मीद प्रशासन ने जतार्ई है। स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला बुधवार रात से ही शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं को स्नान करने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कई दिन से घाट बनाने का काम चल रहा था। संगम को छोड़कर बाकी घाट पूरी तरह से तैयार नहीं थे। इसलिए घाट तैयार करने का काम रातभर चलता रहा।

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मेला प्रशासन का अनुमान, 80 लाख श्रद्धालु करेंगे स्नान

कोरोना के चलते इस बार माघ मेला की तैयारी देर से शुरू हुई। इसलिए पहले स्नान पर्व तक मेला पूरी तरह से सज नहीं पाया है। अभी सभी संस्थाओं के कैंप नहीं लगाए जा सके हैं। सुविधा के लिए संस्था वाले मेला प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं। बहुतों को सुविधाएं भी नहीं मिली है। प्रयागवाल सभा के सभी तीर्थ पुरोहितों को अब तक जमीन का भी आवंटन नहीं हुआ है। ऐसे में इनके यहां बसने वाले कल्पवासी अब तक नहीं आए हैं। कुछ संतों के पंडाल लग गए हैं लेकिन संस्थाओं का काम अधूरा है। वहीं मेला में लगने वाले बाजार को जमीन भी आवंटित नहीं हुई है। परेड ग्राउंड में दो झूले तो लगा दिए गए है लेकिन वह भी अब तक शुरू नहीं हुए हैं। परेड ग्राउंड का अधिकतर हिस्सा खाली है। हर साल इसमें बड़े पैमाने पर किसान यूनियन के लिए कैंप लगते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। फिलहाल मकर संक्रांति का स्नान करने के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। 

दो किलोमीटर लंबाई का बनाया गया है स्नान घाट

श्रद्धालु मेला क्षेत्र में 16 गेट से प्रवेश कर सकते हैं। मेला प्रशासन ने संगम नोज के अलावा त्रिवेणी मार्ग, काली मार्ग, गंगोली शिवाला और ओल्ड जीटी के आसपास घाट बनाया है। सिटी साइड के अलावा झूंसी साइड भी घाट बनाए गए हैं। इस बार घाट लंबे बनाए गए हैं। संगम नोज का घाट एक किलोमीटर लंबा है। इसके अलावा अन्य घाट तीन से चार सौ मीटर लंबे बनाए हैं। इन घाटों को तैयार करने के लिए रात भर काम चलता रहा।

घटिया क्वालिटी का सामान सप्लाई

इस बार माघ मेला में सुविधाएं मुहैया कराने के लिए छह एजेंसियों को ठेका दिया गया है। इसमें से लल्लू जी एंड संस गोपाल दास ने घटिया क्वालिटी का सामान सप्लाई किया है। इससे संस्थाओं में नाराजगी है। वहीं संस्थाएं छह छह होने पर वितरण में समस्या हो रही है। मेला अधिकारी ने जिस एजेंसी के नाम सुविधा पर्ची काटी है, उसी का सामान देना होता है लेकिन वह समय से उसे उपलब्ध नहीं करा पाते हैं। इसके लिए दिन भर स्टोर पर कर्मचारियों और संस्थाओं के बीच विवाद होता है। एक संस्था का सामान होने से आसानी रहती थी लेकिन इस नई व्यवस्था में सब उलझ गए हैं।

पुलों से आवागमन

गंगा पर बने पांचों पुल वन वे हैं। इसमें पुल नंबर एक महावीर, पुल नंबर तीन काली और पुल नंबर पांच ओल्ड जीटी से सिटी साइट से प्रवेश और झूंसी की तरफ निकास होगा। जबकि त्रिवेणी और गंगोली शिवाला पुल से झूंसी की तरफ से सिटी साइड जा सकते हैं।

सेना ने नहीं लगाया शिविर

कोरोना को देखते हुए सेना ने इस बार माघ मेला में शिविर नहीं लगाया है। ऐसे ही कई और संस्थाएं शिविर नहीं लगा रही हैं। जिन संस्थाओं ने इस बार शिविर नहीं लगाया है, वह कालातीत नहीं होगी और उनको अगले माघ मेला में जगह मिलेगी।


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