प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास को सुनने को श्रोता फुहारों के बीच डटे रहे Prayagraj News
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवि कुमार विश्वास को सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ उमड़ी। बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच रचनाओं का लोगों ने आनंद लिया।
प्रयागराज, जेएनएन। एनसीजेडसीसी में मुक्ताकाशी मंच के सामने मौजूद अपार जनसमूह। जगमगाती रोशनी के बीच बजती तालियों के सामने फीकी पड़ती साउंड की आवाज। अचानक आसमान से बूंदे गिरने लगीं। तब प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने श्रोताओं और बारिश के बीच चुनौती खड़ी करते हुए ऐसी कविता कही कि हजारों श्रोताओं के पांव जहां-तहां ठिठके ही रह गए। हास्य, सौंदर्य, वीर रस की कविताओं के बीच श्रोताओं व बूंदों के बीच जंग शुरू हो गई। अंतत: दैनिक जागरण की काव्य धारा में मौसम हार गया और श्रोताओं की जीत हुई।
प्रयागराज में काव्य की ऐसी बेहतरीन महफिल सजी कि हर कोई झूम उठा
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) का माहौल गुरुवार रात अलहदा था। अक्सर यहां लगने वाले शिल्प हॉट में सामान खरीदने या फिर नाटक का मंचन देखने जाने वाले छात्र-छात्राओं के अलावा महिलाएं, बुजुर्ग काव्यपाठ सुनने के लिए पहुंचे थे। महादेवी वर्मा, सुमित्रा नंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और कैलाश गौतम के शहर प्रयागराज में पहली दफा काव्य की ऐसी बेहतरीन महफिल सजी कि हर कोई झूम उठा।
देश प्रेम से लेकर एकता के बीज को और मजबूत बनाने की संकल्पना जागृत कर दी
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के मंच पर कवियों ने अपनी रचनाओं में प्रयागराज की धरती के अल्हड़पन की बातें की। इसी प्रकार इविवि के साथ कॉलेज और दोस्ती की पुरानी यादों को भी तरोताजा किया। दैनिक जागरण की काव्य धारा में प्रख्यात कवियों ने देश प्रेम से लेकर एकता, अखंडता के बीज को और मजबूत बनाने के लिए हर शख्स के मन में संकल्पना जागृत कर दी।