Corona Infection: जान तो बची पर कोरोना वायरस इंफेक्शन ने छीन लिया मुंह का स्वाद
जिनकी जान कोरोना वायरस से बच गई उनमें सैकड़ों लोगाें को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। SRN के नाक कान गला चिकित्सक डा. रामसिया सिंह कहते हैं कि ओपीडी में पोस्ट कोविड मरीज आते हैं तो मुंह का स्वाद न लौटने की बात बताते हैं।
अमरदीप भट्ट , प्रयागराज। कोरोना की दूसरी लहर आए छह माह हो चुके हैं लेकिन संक्रमण से ठीक हुए तमाम लोगों को इसका दंश अब भी झेलना पड़ रहा है। स्मेल यानी गंध बहुतेरे लोगों की नहीं लौटी तो सबसे बड़ी दिक्कत कुछ भी खाने का जायका न लौटने की है। अब भी पोस्ट कोविड किसी मरीज को बिस्कुट खाने पर उसमें तेजाब की महक आती है, कोई नमकीन चीज खाएं तो मछली की गंध नाक में घुसती है। डाक्टरों की मानें तो मुंह का स्वाद बिगड़ जाने से लोगों को उल्टियां तक महसूस होने लगी हैं। ऐसा क्यों हो रहा है इस पर डाक्टर मरीजों के फालोअप में अध्ययन कर रहे हैं।
नाक कान गला विशेषज्ञों के पास आ रहे पोस्ट कोविड अजब मामले
कोविड-19 की दूसरी लहर में सरकारी आंकड़े के अनुसार करीब एक लाख लोगों में संक्रमण हुआ था जबकि अनुमानित तौर पर चार लाख लोग संक्रमित हुए थे। कोरोना से पांच हजार से अधिक लोगों की मौत होने का अनुमान है। जिनकी जान कोरोना वायरस से बच गई उनमें सैकड़ों लोगाें को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के नाक कान गला विभाग के चिकित्सक डा. रामसिया सिंह कहते हैं कि ओपीडी में पोस्ट कोविड मरीज आते हैं तो मुंह का स्वाद अब तक न लौटने की बात बताते हैं। कहते हैं कि चावल या कुछ भी नमकीन चीजें खाने पर उसमें मछली जैसी गंध आती है। इससे उल्टी महसूस होने लगती है।
दाल या सलाद खाने पर अजीब स्वाद
किसी को चाय का स्वाद नहीं मिल रहा है तो कुछ मरीजों का कहना है कि दाल या सलाद खाने पर अजीब सा महसूस होता है। कहा कि ऐसे 40 मरीज उनसे अपनी दिक्कतें बता चुके हैं। पिछले साल तक बेली अस्पताल में रहे नाक कान गला विशेषज्ञ डा. अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में उन्होंने 61 मरीजों को सूचीबद्ध किया है। इनमें किसी को बिस्कुट खाने पर तेजाब या केमिकल जैसी महक आती है। खाना खाने पर कभी-कभी उल्टियां हो जाती हैं। कहा कि कुछ मरीज तो दवा से ठीक हो चुके हैं लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो ओपीडी में एक-दो बार आए। बीमारी बताई लेकिन दवा चलने के बाद फालोअप में नहीं लौटे। डा. अजय शुक्ला और डा. रामसिया समेत नगर के अन्य नाक कान गला विशेषज्ञों से भी बात करने पर पोस्ट कोविड मरीजों में इसी प्रकार की दिक्कत की जानकारी हुई। लेकिन ऐसा किन नसों में खराबी से हो रहा है या जीभ से कोरोना वायरस की क्या केमेस्ट्री है इस बारे में डाक्टरों ने अध्ययन न होने की बात कही।