ये है प्रयागराज पुलिस, उठा सवाल कि आखिर वीडियो वायरल होने पर ही क्यों खुलती है पुलिस की नींद
घोड़ा पुलिस से लेकर कई थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के चार पहिया वाहन यहां से चलते हैं जो रोजाना हजारों का वारा-न्यारा करते हैं। कथित तौर पर सिविल लाइंस थाने का कारखास वसूली भी करता है लेकिन अधिकारियों की नजर में आल इज ओके ही रहता है।
प्रयागराज, जेएनएन। सिविल लाइंस, मतलब किसी के दिल की धड़कन तो किसी के लिए अपने कार्य के लिए उचित स्थान। यह पॉश इलाका है तो पुलिस भी एक्टिव होनी चाहिए, लेकिन ऐसा है नहीं। सुभाष चौराहे पर यूं तो इंस्पेक्टर से लेकर चौकी इंचार्ज व दारोगा, सिपाही कथित तौर पर हमेशा मुस्तैद रहते हैं, लेकिन केवल दिखावे के लिए।
यह चौराहा भले ही प्राइम लोकेशन में है, लेकिन इसके इर्द-गिर्द कई सारे काम होते हैं, जहां पुलिस वाले जानकर भी अनजान बने होते हैं। जब इंटरनेट मीडियो पर कोई वीडियो वायरल होता है तो सिविल लाइंस पुलिस की नींद टूटती है। ऐसा क्यों है, यह उच्चाधिकारी भी जानते हैं, लेकिन फटकार से काम चला लेते हैं।
सिविल लाइंस बस स्टैंड पर महिला कंडक्टर से छेडख़ानी की घटना हो या फिर अवैध तरीके से चलने वाले वाहन के बारे में हो। इतना ही नहीं, सिविल लाइंस बस डिपो की ओर से पुलिस को लिखित रूप में शिकायत भेजी गई कि अवैध तरीके से चलने वाली बस व चार पहिया वाहन के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें। हालांकि कुछ नहीं हुआ। आरोप तो यहां तक लगता है कि यह सब कुछ सिविल लाइंस पुलिस की सरपरस्ती में होता है।
घोड़ा पुलिस से लेकर कई थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के चार पहिया वाहन यहां से चलते हैं, जो रोजाना हजारों का वारा-न्यारा करते हैं। कथित तौर पर सिविल लाइंस थाने का कारखास वसूली भी करता है, लेकिन अधिकारियों की नजर में आल इज ओके ही रहता है। ताजा मामला महिला कंडक्टर से छेडख़ानी का है, जिसमें पुलिस ने आरोपित के खिलाफ महज शांतिभंग में कार्रवाई की है।