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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शोधार्थियों के प्रवेश मामले में कुलपति मौन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में शोध करने वाले छात्रों में आक्रोश व्‍याप्‍त है। उनका आरोप है कि क्रेट के जरिए शोध में प्रवेश पर गड़बड़ी की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 12:19 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 12:19 PM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शोधार्थियों के प्रवेश मामले में कुलपति मौन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शोधार्थियों के प्रवेश मामले में कुलपति मौन

प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में क्रेट 2018-19 के जरिए शोधार्थियों के प्रवेश में गड़बड़ी के मामले में शिकायत के बावजूद कुलपति की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में छात्रों में नाराजगी है। छात्रों ने जवाब न देने पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है। 

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क्रेट 2018-19 के तहत 12 सीटें थीं अधिसूचित

छात्रों का आरोप है कि क्रेट 2018-19 के तहत 12 सीटें अधिसूचित की गई थीं। इसके आधार पर क्रेट की परीक्षा के जरिए 24 छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था, लेकिन विभाग में अंतिम प्रवेश 21 सीटों पर लिया गया। इस आधार पर परीक्षा के जरिए 42 छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना चाहिए था। शिकायत करने वाले छात्र प्रेम प्रकाश दुबे, देवेंद्र मिश्र, शिवम दुबे, दीपक सिंह आदि का कहना है कि पहली बार में 12 सफल छात्रों की सूची जारी की गई। दूसरी बार में ऐसी सूची जारी की गई जो भ्रामक है।

छात्रों ने अनियमितता बरतने का लगाया आरोप

विभाग से क्रेट की परीक्षा और साक्षात्कार देने के बाद पांच छात्रों को ग्लोबलाइजेशन स्टडीज और तीन छात्रों को राजीव गांधी चेयर में सफल घोषित किया गया। तीसरी सूची भी जारी की गई, जिसमें एक और छात्र को सफल घोषित करते हुए नौ छात्रों को क्रमश: ग्लोबलाइजेशन स्टडीज, राजीव गांधी चेयर और गांधी विचार एवं शांति अध्ययन पीठ में तीन-तीन छात्रों को सफल घोषित किया गया। छात्रों का कहना है कि अधिसूचना में ग्लोबलाइजेशन स्टडीज के अंतर्गत पहले ही चार सीटें जारी करके प्रवेश परीक्षा ली गई है, जबकि राजीव गांधी चेयर और गांधी विचार एवं शांति अध्ययन पीठ में क्रेट की अधिसूचना में कोई भी सीट जारी नहीं की गई थी।

समस्या नहीं सुलझी तो कोर्ट जाएंगे छात्र

छात्रों ने इस प्रकरण की जांच कराने और नियमानुसार साक्षात्कार कराने की मांग की। इसके लिए कुलपति रतनलाल हांगलू से मामले की शिकायत भी की गई, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। छात्रों ने साक्षात्कार सुनिश्चित कराने की मांग की है। ऐसा न होने पर कोर्ट जाने का अल्टीमेटम दिया है।


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