यूजीसी ने कहा-प्रो. हांगलू बोल्ड पर पुअर मैनेजर
जासं, इलाहाबाद : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की जांच में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन ला
जासं, इलाहाबाद : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की जांच में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू फंसते नजर आ रहे हैं। नवंबर 2017 में आई पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने यूजीसी को अपनी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह पूर्व सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर यूजीसी ने प्रो. हांगलू से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रो. रतन लाल हांगलू बोल्ड तो हैं पर पूअर मैनेजर, प्रशासनिक रूप से अक्षम व अदूरदर्शी हैं। कमेटी ने साथ ही यह भी कहा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रशासनिक, वित्तीय व अकादमिक माहौल की बेहद कमी है। इसके चलते विकास कार्य ठप हैं। कई सालों से कोर्स रिवाइज नहीं होने, वित्त नियंत्रक का दायित्व एक प्रोफेसर को देने आदि बिदुंओं पर भी जांच कमेटी ने अपनी आपत्ति उठाई है।
प्रो. हांगलू पर प्रवेश में धांधली, विश्वविद्यालय में 54 पदों पर बिना यूजीसी की मंजूरी लिए नियुक्ति, शिक्षक भर्ती में अनियमितता के आरोप, हाईकोर्ट की लगातार अवमानना, सेवानिवृत्त शिक्षकों को कक्षाएं न देना और बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर बिना पढ़ाए 1.28 करोड़ रुपये का भुगतान करना, ऐसे लोगों की महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति करना जिनपर छेड़खानी के मुकदमे दर्ज हैं जैसे गंभीर आरोप हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी ने 13 से 15 नवंबर 2017 के बीच इन्हीं आरोपों के सापेक्ष विश्वविद्यालय आकर कुलपति, शिक्षकों, अधिकारियों एवं छात्रों से मुलाकात की थी। आइआइएससी बैंगलोर के डॉ. गौतम देशी राजू की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने विश्वविद्यालय का दौरा किया था।
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वर्जन
जांच रिपोर्ट का बिंदुवार अध्ययन करने के बाद तय समयसीमा में जवाब दे दिया जाएगा। विकास से संबंधित कमेटी के सुझावों को तत्परता से लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
प्रो. रतन लाल हांगलू, कुलपति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।