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Allahabad University का बड़ा फैसला, Fees देने में असमर्थ विद्यार्थी शुल्‍क माफी का कर सकेंगे आवेदन

इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय की कुलपति ने आश्वस्त किया कि किसी भी विद्यार्थी को आर्थिक कारणों के चलते विश्वविद्यालय में पढ़ने में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होने देगी। आर्थिक समस्याओं के कारण शुल्क चुकाने में असमर्थ होंगे तो विश्वविद्यालय उनकी फीस ही नहीं अन्य आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति भी करेगा।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaPublished: Thu, 06 Oct 2022 03:09 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 03:09 PM (IST)
Allahabad University का बड़ा फैसला, Fees देने में असमर्थ विद्यार्थी शुल्‍क माफी का कर सकेंगे आवेदन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस देने में असमर्थ छात्रों के लिए फीस माफी का विकल्‍प कुलपति ने दिया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर जारी विवाद के बीच कुलपति ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को राहत देने का फैसला लिया है। फीस चुकाने में असमर्थ विद्यार्थी डीन विद्यार्थी कल्याण कार्यालय से फार्म लेकर 15 दिन के भीतर जमा कर सकेंगे। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के इस फैसले का आधिकारिक पत्र इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है।

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विश्‍वविद्यालय की कुलपति की पहल : कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्‍तव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय अपनी पुरानी परंपराओं को कायम रखते हुए नवीन ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। यहां सभी प्रतिभावान छात्रों का स्वागत है और इनके प्रवेश तथा पढाई लिखाई में फीस व हास्टल बाधा नहीं बन सकते।

फीस माफी फार्म विद्यार्थी कहां से लें : कुलपति ने स्पष्ट किया कि जिस विद्यार्थी का प्रवेश प्रतिभा के आधार पर विश्वविद्यालय में होगा, उसके लिए फीस में की गई साधारण वृद्धि बाधक नहीं होगी। कुलपति के अनुसार राज्य सरकारों के समाज कल्याण मंत्रालय तथा अन्य मंत्रालयों के द्वारा आर्थिक रूप से पिछडे सभी वर्गों के सभी शुल्कों कों पूरी तरह से वापस कर देती है। इसके अतिरिक्त यदि कुछ प्रतिभावान बच्चे (उनकी संख्या कितनी भी क्यों न हो) यदि आर्थिक समस्याओं के कारण शुल्क चुकाने में असमर्थ होंगे तो विश्वविद्यालय उनकी फीस ही नहीं अन्य आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति भी करेगा। ऐसे सभी छात्र डीन विद्यार्थी कल्याण के कार्यालय द्वारा निर्गत फार्म लेकर 15 कार्य दिवसों में जमा कर सकेंगे। कुलपति ने आश्वस्त किया है कि किसी भी विद्यार्थी को आर्थिक कारणों के चलते विश्वविद्यालय में पढ़ने में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होने देंगी।


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