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Allahabad University : हॉस्टल और मेस का बकाया शुल्क मांगने पर विश्वविद्यालय प्रशासन पर भड़के छात्र

Allahabad University इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ट्रस्ट के अधिकांश हॉस्टलों में छात्रों का मेस शुल्क बकाया रहता था। वह बकाए राशि का भुगतान किए बगैर हॉस्टल छोड़कर चले भी जाते थे। समस्या को गंभीरता से लेते हुए सभी अधीक्षकों के साथ बैठक हुई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 12:10 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 12:10 PM (IST)
Allahabad University : हॉस्टल और मेस का बकाया शुल्क मांगने पर विश्वविद्यालय प्रशासन पर भड़के छात्र
इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ट्रस्ट के हॉस्टलों में रहने वाले अंत:वासियों इस बात का गुस्सा है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) और ट्रस्ट के हॉस्टलों में रहने वाले अंत:वासियों का गुस्सा अब विश्वविद्यालय प्रशासन पर फूट पड़ा है। इविवि प्रशासन का कहना है कि हॉस्टल और मेस का शुल्क जमा नहीं करेंगे तो परीक्षा परिणाम रोक दिया जाएगा। अब छात्र कह रहे हैं कि इविवि प्रशासन पर खुद ही छात्र-छात्राओं का बकाया है। पहले उसका हिसाब करें फिर आगे की बात करें।

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अधीक्षकों के साथ इविवि प्रशासन की हुई थी बैठक

दरअसल, इविवि और ट्रस्ट के अधिकांश हॉस्टलों में छात्रों का मेस शुल्क बकाया रहता था। वह बकाए राशि का भुगतान किए बगैर हॉस्टल छोड़कर चले भी जाते थे। समस्या को गंभीरता से लेते हुए सभी अधीक्षकों के साथ बैठक हुई। इसमें यह सर्वसम्मति से प्रस्ताव से रखा गया कि हॉस्टल और मेस का शुल्क जमा करने पर ही परीक्षा परिणाम जारी किया जाए।

उच्च स्तरीय कमेटी ने सर्वसम्मति से दी मंजूरी

इसके बाद इस मसले पर कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल, परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय, डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह और वित्त अधिकारी डॉ. सुनीलकांत मिश्र को शामिल किया गया। कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि हॉस्टलों के अंत:वासी हॉस्टल और मेस का शुल्क नहीं जमा करेंगे जो उनका परिणाम रोक दिया जाएगा। परिणाम जारी होने के लिए अंत:वासियों को हॉस्टल खाली करने से पूर्व परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में नो ड्यूज सर्टिफिकेट देना होगा।

कोरोना संक्रमण काल में फीस वसूलने पर उठे सवाल

कोरोनाकाल में छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली करा दिए गए थे। ऐसे में अब वह फीस जमा करने का विरोध कर रहे हैं। छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह का कहना है कि जब अंत:वासी हॉस्टल में थे ही नहीं तो कैसा शुल्क। छात्रों पर इविवि का नहीं बल्कि इविवि पर छात्रों का बकाया है। ऐसे में इविवि प्रशासन पहले उसका भुगतान करे। इसके अलावा अन्य तमाम छात्राएं भी इविवि प्रशासन से शुल्क माफ करने की मांग कर रही हैं।

अनशनकारियों ने दिया आंदोलन का अल्टीमेटम

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर छात्रनेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में अनशन जारी रहा। यहां अजय सम्राट ने कहा छात्र-छात्राओं का शुल्क इविवि प्रशासन पर बकाया है। क्योंकि छात्रावास और मेस आठ महीने से बंद है। ऐसे में विवि प्रशासन आठ महीने का शुल्क छात्र-छात्राओं को वापस करे। इस दौरान मो. मकसूद अंसारी, नवनीत यादव, मो. ओवादा, प्रकाश सिंह यादव, मो. सलमान, आनंद संसद, सुनील पटेल, मयंक प्रसाद, चंदन चौधरी, गोलू पासवान, यशवंत यादव, मो. जैद आदि लोग उपस्थित रहे।


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