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Allahabad University : ...तो इसलिए तोड़ दी जाएंगी 33 साल पुरानी विश्वविद्यालय की मजबूत दीवारें

Allahabad University विश्वविद्यालय के सीनेट हाल की बाहर दीवार सड़क चौड़ीकरण की भेंट चढऩे वाली हैं। पीडब्‍ल्‍यूडी ने विश्वविद्यालय को पत्र भेजा है। पुरा छात्र विरोध में हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 11:52 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 11:52 AM (IST)
Allahabad University : ...तो इसलिए तोड़ दी जाएंगी 33 साल पुरानी विश्वविद्यालय की मजबूत दीवारें
Allahabad University : ...तो इसलिए तोड़ दी जाएंगी 33 साल पुरानी विश्वविद्यालय की मजबूत दीवारें

प्रयागराज, जेएनएन। पूरब का आक्‍सफोर्ड कहा जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की दीवारों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की मजबूत दीवारें 1987 में बनी थीं लेकिन ब सड़क चौड़ीकरण की भेंट चढऩे वाली हैं। साथ ही सड़क की जद में आने वाले पेड़ भी काटे जाने हैं। इसको लेकर निर्माण इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा है। यहां बात हो रही है सीनेट हाल की बाहरी दीवारों की। 

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इविवि की दीवार तोडऩे के विरोध में एकजुट हुए पुरा छात्र

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हाल की बाहरी दीवारों को गिराए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दीवार गिराए जाने के निर्णय के विरोध में विश्वविद्यालय के पुरा छात्र आगे आ गए हैं। पुरा छात्र डाॅ. आनंद पांडेय, प्रदीप मिश्र अंशुमन, बृजेंद्र मिश्र आदि ने कहा कि दीवार किसी कीमत पर नहीं गिरने दी जाएगी। इसके लिए सभी को एकजुट करके आंदोलन किया जाएगा। 

मार्ग चौड़ीकरण में सीनेट हाल की बाहरी दीवार गिराने की तैयारी है

पीडब्ल्यूडी के राजमार्ग निर्माण खंड के अफसरों के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारियों की होने वाली बैठक गुरुवार को नहीं हो सकी। विश्वविद्यालय प्रशासन निर्माण इकाई के अधिकारियों का इंतजार करता रहा लेकिन वे नहीं पहुंचे। अब इस बैठक के आज यानी शुक्रवार को होने की उम्मीद है। दीवार गिराने की बात से विश्वविद्यालय में खलबली मची है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दीवार नहीं गिराई जाए, इसको लेकर कवायद शुरू कर दी है।

विश्वविद्यालय के कुल अभियंता ने यह कहा

विश्वविद्यालय के कुल अभियंता नवीन सिंह ने इसके लिए लीगल सेल से सहायता मांगी है। साथ ही निर्माण इकाई को पत्र लिखकर दीवार टूटने से होने वाले नुकसान से अवगत कराया है। दीवार की जद में विश्वविद्यालय के दो बड़े ट्रांसफारमर भी आ रहे हैं। इनको हटाए जाने पर विश्वविद्यालय की बिजली आपूर्ति ठप हो जाएगी। साथ ही महिला कैंपस की दीवार टूटने से सुरक्षा को खतरा हो जाएगा। उन्‍होंने बताया कि निर्माण इकाई के संपर्क में वे हैं। संयुक्त बैठक होनी थी लेकिन पर सुपरवाइजर न होने की बात कह कर निर्माण इकाई के अधिकारी नहीं आए। शुक्रवार को फिर बैठक की बात कही गई है।


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