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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में तीन गुना बढ़ेगी फीस, नया एडमीशन लेने वाले छात्र-छात्राओं पर नई फीस लागू

विश्वविद्यालय ने फीस बढ़ोत्तरी पर मुहर लगा दिया है। विद्या परिषद की बैठक में अधिकतम तीन गुना तक फीस वृद्धि का निर्णय लिया गया है। बढ़ी फीस दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों के समकक्ष है। शैक्षणिक के साथ छात्रावासों की फीस में भी वृद्धि की गई है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 06:30 AM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में तीन गुना बढ़ेगी फीस, नया एडमीशन लेने वाले छात्र-छात्राओं पर नई फीस लागू
इवि मे्ं सत्र 2022-23 में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर लागू होगा नया फीस स्ट्रक्चर

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय ने फीस बढ़ोत्तरी पर मुहर लगा दिया है। विद्या परिषद की बैठक में अधिकतम तीन गुना तक फीस वृद्धि का निर्णय लिया गया है। बढ़ी फीस दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों के समकक्ष है। शैक्षणिक के साथ छात्रावासों की फीस में भी वृद्धि की गई है। नया फीस स्ट्रक्चर सत्र 2022-23 में प्रवेश ले रहे छात्रों पर लागू होगा। यह उन छात्रों पर लागू नहीं होगा जो वर्तमान रूप से विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं।

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बैक पेपर की फीस में भी दोगुना तक बढ़ोत्तरी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शनिवार को विद्या परिषद की 43वीं बैठक कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। फीस वृद्धि का निर्णय सबसे अहम रहा। नियमित स्नातक-परास्नातक और पीएचडी कोर्स की फीस में बढ़ोत्तरी की गई है। बैक पेपर की फीस में करीब दो गुनी वृद्धि की है। पंजीकरण शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कई पाठ्यक्रमों में मामूली बढ़ोत्तरी की गई है या फिर नहीं बढ़ाई गई है। इवि प्रशासन का कहना है कि फीस बढ़ोत्तरी से वित्तीय संसाधनों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। वहीं, स्मार्ट क्लासरूम बनाने के लिए प्रो. एसआइ रिजवी को एक प्रशंसा प्रमाणपत्र दिया गया।

छात्रावासों से हटाए जाएंगे अवैध छात्र

इवि के छात्रावासों से अवैध छात्रों को बाहर किया जाएगा। इवि प्रशासन जल्द अभियान शुरू करेगा। विद्या परिषद ने अवैध छात्रों को हटाने और छात्रावास के रख-रखाव के लिए छात्रावासों की फीस बढ़ाने को मंजूरी दी है। विद्या परिषद की मुहर के बाद नए सत्र से 2022-23 से छात्रावासों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की फीस में बढ़ोतरी की जाएगी। यह फीस वर्तमान छात्रों पर लागू नहीं होगी। विश्वविद्यालय के पास 20 छात्रावास हैं। इसमें हिंदू हास्टल को अभी-अभी शामिल किया गया है।

पंच वर्षीय 10 इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम को मिली मंजूरी

विद्या परिषद ने 10 नए पंच वर्षीय इंटीग्रेडेट पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी है। इनमें बीए-बीएससी एमए-एमएससी योग एवं मेडिटेशन, बीटेक-एमटेक में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस,बीए-बीएससी व एमए-एमएससी इन डिजास्टर मैनेजमेंट एंड इनवायरमेंटल स्टडीज, बीएससी-एमएससी इन फूड न्यूट्रिशन, बीसीए-एमसीए इन डाटा साइंस, बीबीए-एमबीए, बी डिजाइन एंड एम डिजाइन, एमडीएस इन फैशन डिजाइनिंग टेक्नोलाजी, बीएससी-एमएससी इन फूड टेक्नोलाजी, एमएससी एंड पीएचडी इन कागनिटिव साइंस, ह्यूमन कंप्यूटर इंटरैक्शन एंड काग्निटिव एंड क्वलीनिकल न्यूरो साइकोलाजी एलांग विद बीए-एलएलबी शामिल हैं।

इवि की बदनाम करने वाली पोस्ट पर प्रतिबंध

विद्या परिषद में चर्चा हुई कि इंटरनेट मीडिया में इवि के खिलाफ लिखने के मामले सामने आए हैं। इसे रोकने के लिए कड़े फैसले पर सहमति बनी। निर्णय लिया गया कि कोई छात्र मीडिया अथवा इंटरनेट मीडिया पर इवि को बदनाम करने की गतिविधियों में लिप्त मिला तो कड़ी कार्रवाई होगी। शिक्षक भी मीडिया या इंटरनेट मीडिया पर इवि के खिलाफ बयान डालते हैं तो कार्य परिषद की संस्तुति लेकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

संकायवार होगा प्री-पीएचडी प्रोग्राम

इवि अब संयुक्त फ्री पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। इसको लेकर विद्या परिषद ने विभागवार प्री पीएचडी प्रोग्राम को खत्म कर दिया है। अब हर संकाय का एक प्री पीएचडी प्रोग्राम होगा। नई व्यवस्था यूजीसी की इस संदर्भ में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगी, ताकि प्रोग्राम और प्रभावी तौर पर लागू किया जा सके। इसके लिए प्री-पीएचडी प्रोग्राम का अलग फीस स्ट्रक्चर होगा।

यह है फीस स्ट्रक्चर

कोर्स - वर्तमान- फीस बढ़ी फीस

बीए : 975- 3701

बीकाम : 975- 3901

बीए (प्रयोगशाला) : 1125- 3951

बीएससी : 1125- 4151

एमए-एमएससी : 1375-1961 4651-6001

बीटेक : 1941-5151

एलएलबी : 1375-4651

पीआरओ का यह है कहना

विश्वविद्यालय की फीस पिछले कई दशकों से नहीं बदली गई थी। 1912 से विश्वविद्यालय की ट्यूशन फीस मात्र 12 रूपये की थी। सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों को अपने संसाधन स्वयं से विकसित करने के दबाव और अनुदानों में भारी कमी के कारण इवि प्रशासन ने विद्यापरिषद में शुल्क बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा। इसको परिषद ने मंजूर कर लिया। बढ़ी फीस सिर्फ नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर ही लागू होगी।

डा. जया कपूर

जनसंपर्क अधिकारी, इवि


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