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इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ बहाली को लेकर छात्रनेताओं के विरोध से प्रशासन सकते में Prayagraj News

छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर पूर्व छात्रनेताओं व छात्रों के आमरण अनशन को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन परेशान है। अब छात्रों को मनाने के लिए तेवर नरम कर दिए गए हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 09:47 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 09:47 AM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ बहाली को लेकर छात्रनेताओं के विरोध से प्रशासन सकते में Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ बहाली को लेकर छात्रनेताओं के विरोध से प्रशासन सकते में Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली के समर्थन में निवर्तमान छात्रसंघ पदाधिकारियों समेत छात्र इन दिनों आमरण अनशन पर हैं। छात्रों की जिद के मद्देनजर अब इविवि प्रशासन सकते में आ गया है। अब तक सीधे पुलिस-प्रशासन के बल पर परिसर से छात्रों को आंदोलन से उठाने वाले इविवि प्रशासन के तेवर नरम हो चुके हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब वह छात्रों से पत्र व्यवहार कर रहा है। इसके माध्यम से छात्रों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है कि वह अपने आंदोलन को समाप्त कर दें। हालांकि छात्र अपनी मांगों पर अडिग हैं।

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छात्र परिषद लागू करने से छात्र नेताओं में आक्रोश, आंदोलन की राह पर

दरअसल, 29 जून को हुई इविवि की कार्य परिषद की बैठक में छात्रसंघ की जगह छात्र परिषद लागू कर दिया गया है। छात्रसंघ को समाप्त किए जाने और छात्र परिषद लागू करने के बाद से छात्र नेताओं में आक्रोश है। वह लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस लड़ाई में छात्रों को विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं का सहयोग भी मिल रहा है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा भी छात्रों के समर्थन में अब तक दो बार ट्वीट कर चुकी हैं। इसके अलावा कौशांबी से भाजपा के सांसद विनोद सोनकर भी संसद में मामले को दो बार उठा चुके हैं।

इविवि के पुरा छात्र आंदोलन को लगातार दे रहे हैं धार

इविवि के पुरा छात्र आंदोलन को लगातार धार देने में जुटे हैं। कई बार धरने पर बैठे छात्रों को इविवि प्रशासन ने पुलिस बल का प्रयोग कर उठवा दिया था। वहीं जब छात्र आमरण अनशन पर बैठे तो इविवि प्रशासन के तेवर नरम हो गए हैं। इविवि प्रशासन के लोग अब वह छात्रों से मिलने पहुंच रहे हैं। साथ ही निलंबन और निष्कासन की नोटिस थमाने वाला इविवि प्रशासन अब छात्रों से पत्र व्यवहार में जुट गया है।


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