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इलाहाबाद हाई कोर्ट में जल निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक तलब, जानें क्‍या है मामला

जल निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी कर तलब किया है न्यायालय ने जानबूझकर कोर्ट आदेश की अवहेलना करने पर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न अवमानना आरोप निर्मित किया जाए? याचिका की सुनवाई 28 जनवरी को होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 08:42 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 08:42 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जल निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक तलब, जानें क्‍या है मामला
वाराणसी जल निगम के एमडी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तलब किया। याचिका की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जल निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार को पूरी तरह से आदेश का पालन न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर तलब किया है। उन्हें याची को सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान आठ प्रतिशत ब्याज सहित करने का आदेश दिया गया था। सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान तो कर दिया, लेकिन ब्याज का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त की। कहा कि वह ब्याज का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।

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याचिका की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी

न्यायालय ने जानबूझकर कोर्ट आदेश की अवहेलना करने पर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न अवमानना आरोप निर्मित किया जाए? याचिका की सुनवाई 28 जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने चंद्रभवन सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि विपक्षी जहां कहीं भी तैनात हो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हों। याचिका पर अधिवक्ता आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बहस की।

आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित को जमानत

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित दिनेश की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया है। अलीगढ़ के खैर थाना में मृतक की पत्नी ने एफआइआर दर्ज कराई है। याची सात सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं। अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र ने बहस की। इनका कहना था कि याची निर्दोष है। उसने कभी भी कन्हैया उर्फ कान्हा को आत्महत्या के लिए प्रेरित नहीं किया, न ही उकसाया है। पूरी पैतृक संपत्ति अपने नाम कराने के लिए मृतक की पत्नी ने उसे फंसाया है। याची का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह अपराध की विवेचना में सहयोग करेगा। कहीं भागेगा नहीं। न ही साक्ष्य या गवाहों को प्रभावित करेगा। कोर्ट ने कहा जेलों में भीड़ है। इस पर याची जमानत पर रिहा होने का हकदार है।


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