अतीक अहमद को राहत देने को तैयार नहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट
हाई कोर्ट का निर्देश है कि एक के बाद दूसरा अपराध करने वालों की जमानत निरस्त होनी चाहिए, यदि याचिका वापस की जाती है तो कोर्ट जनहित याचिका कायम कर दिशा निर्देश जारी करेगी।
इलाहाबाद (जेएनएन)। संगमनगरी इलाहाबाद में नैनी के शियाट्स में अराजकता फैलाने के मामले में माफिया से नेता बने अतीक अहमद को इलाहाबाद हाई कोर्ट राहत देने को तैयार नहीं है। शियाट्स मामले में प्राक्टर के अतीक अहमद के खिलाफ याचिका वापस लेने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को जनहित याचिका में बदलने का मूड बनाया है।
इस मामले में हाई कोर्ट का निर्देश है कि एक के बाद दूसरा अपराध करने वालों की जमानत निरस्त होनी चाहिए, यदि याचिका वापस की जाती है तो कोर्ट इस गंभीर मुद्दे को लेकर जनहित याचिका कायम कर इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगी। याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार की जानकारी पर कहा कि पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी के हलफनामे के साथ दाखिल की जाय। कोर्ट ने 13 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तय करते हुए कहा है कि याचिका वापसी की अर्जी पर आदेश पारित किया जायेगा और यदि इस मामले में याचिका निस्तारित होती है तो कोर्ट इस गंभीर मामले को लेकर जनहित याचिका कायम कर व्यापक दिशा-निर्देश जारी करेगी।
इलाहाबाद के नैनी के शियाट्स हमला मामले में प्राक्टर रामकिशन सिंह की ओर से याचिका वापस लेने की दाखिल अर्जी से नया मोड़ आ गया है। कोर्ट ने याचिका वापस लेने की मांग पर कहा कि इस गंभीर मुद्दे को लेकर जनहित याचिका कायम कर कोर्ट दिशानिर्देश जारी करेगी। साथ ही टिप्पणी की है कि एक के बाद दूसरा अपराध करने वालों की जमानत निरस्त होनी ही चाहिए। उधर इस मामले में हमले के आरोपी समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद की तरफ से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया और केस की मानीटरिंग से हो रही परेशानी पर आपत्ति की गयी।
राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल की गयी है। सभी 11 आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं। शस्त्र की बरामदगी के बाद बैलेस्टिक रिपोर्ट मांगी गयी है। अभी भी विवेचना जारी है। अतीक अहमद के खिलाफ 83 आपराधिक मामले हैं। इसमे से चार हत्या के हैं। सभी मामलों में जमानत मिली है। कोर्ट का कहना है दर्जनों अपराधों में लिप्त आरोपी की जमानत पर रिहाई सवाल खड़े करती है। इसी प्रकार पूर्व विधायक देवेंद्र अग्रवाल के मामले की भी सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। चिराग उपाध्याय पर हमले में एक की मौत में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी व समर्पण के बाद जेल भेजा जा चुका है। मृतक के पिता रामहरि शर्मा ने याचिका दाखिल की है।