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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- एक ही मुद्दे पर बार-बार दाखिल नहीं हो सकती जनहित याचिका

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी मुद्दे पर जनहित याचिका विचाराधीन है तो उसी मामले में दूसरी याचिका दाखिल करने का औचित्य नहीं है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 07:54 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- एक ही मुद्दे पर बार-बार दाखिल नहीं हो सकती जनहित याचिका
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- एक ही मुद्दे पर बार-बार दाखिल नहीं हो सकती जनहित याचिका

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी मुद्दे पर जनहित याचिका विचाराधीन है तो उसी मामले में दूसरी याचिका दाखिल करने का औचित्य नहीं है। याची को लंबित याचिका पर अर्जी दाखिल करके प्रार्थना करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से एक ही मुद्दे पर कई याचिकाएं दाखिल होकर मुकदमों की संख्या बढ़ाएंगी। कोर्ट ने याची को विचाराधीन याचिका में अर्जी देने का सुझाव देते हुए याचिका खारिज कर दी है।

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न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने बरेली की कुतुबखाना सब्जी मंडी फुटकर विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन व दो अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है। दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि इसी मुद्दे पर पहले से जनहित याचिका की सुनवाई हो रही है। इस याचिका में मामूली भिन्नता है। लेकिन, कोर्ट ने कहा कि उसी याचिका में अर्जी देकर प्रार्थना की जा सकती है।


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