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किसान बीमा योजना में इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला- किसान को आय प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि किसान बीमा योजना के तहत किसान को आय प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं है। श्रमिक के लिए 75 हजार वार्षिक आय प्रमाणपत्र का उपबंध है। किसान के लिए असीमित आय दी गई है। जिला कमेटी का आदेश बीमा कंपनी पर बाध्यकारी है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 10:49 AM (IST)
किसान बीमा योजना में इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला- किसान को आय प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसान बीमा योजना के तहत जिला रिव्यू कमेटी का आदेश बीमा कंपनी पर बाध्यकारी है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसान बीमा योजना के तहत जिला रिव्यू कमेटी का आदेश बीमा कंपनी पर बाध्यकारी है। सरकारी कंपनी होने के नाते ओरिएंटल बीमा कंपनी को राष्ट्रीय वाद नीति का पालन करते हुए व्यर्थ की मुकदमे बाजी नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया है कि वह जिला कमेटी के आदेश पर पेनाल्टी सहित तत्काल भुगतान करे। कोर्ट ने पांच हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए बीमा कंपनी की याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी व न्यायमूर्ति डॉ वाईके श्रीवास्तव की पीठ ने ओरिएंटल बीमा कंपनी झांसी की याचिका पर दिया है।

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याचिका के अनुसार 20 जून, 2019 को परिवार के 25 वर्षीय मुखिया किसान की वाहन दुर्घटना में मौत हो गयी थी। विधवा उमा देवी व दो अन्य ने तहसीलदार से 30 हजार रुपये वार्षिक आय प्रमाणपत्र के साथ 29 अगस्त को बीमा दावा दाखिल किया, जिसे कंपनी ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि दावा के साथ आय प्रमाणपत्र 45 दिन की सीमा अवधि के बाद दाखिल किया गया है। इसे जिलाधिकारी झांसी की अध्यक्षता वाली जिला रिव्यू कमेटी ने अस्वीकार करते हुए विधवा को पांच लाख बीमा राशि का एक माह में भुगतान करने का निर्देश दिया।कहा कि भुगतान न करने पर हर सप्ताह के हिसाब से पेनाल्टी भी देनी होगी।

कोर्ट ने कहा कि किसान बीमा योजना के तहत किसान को आय प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं है। श्रमिक के लिए 75 हजार वार्षिक आय प्रमाणपत्र का उपबंध है। किसान के लिए असीमित आय दी गई है। जिला कमेटी का आदेश बीमा कंपनी पर बाध्यकारी है। उसे चुनौती नहीं देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी ने राष्ट्रीय मुकदमा नीति का पालन नहीं किया। व्यर्थ की मुकदमे बाजी करके पीड़ित परिवार को परेशान किया है। इसके लिए कोर्ट ने बीमा कंपनी पर हर्जाना लगाया है।

क्या है मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना : किसान बीमा योजना के दो हिस्से हैं। पहला व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना और दूसरा दुर्घटना के उपरांत चिकित्सा सुविधा व कृत्रिम अंग के लिए धनराशि देना। योजना के अनुसार यदि किसान परिवार का मुखिया रेल, रोड, वायुयान दुर्घटना, टकराव या गिरने से चोट, गैस रिसाव, सर्प, बिच्छू आदि जंगली जानवरों के काटने, जलने, डूबने, बाढ़ में बह जाने, हाथ-पैर कटने आदि पर बीमा लाभ मिलेगा। मुखिया की मृत्यु पर पांच लाख रुपये व सदस्य की प्राथमिक चिकित्सा पर 25 हजार रुपये व वृहद चिकित्सा के लिए सवा दो लाख रुपये मिलेगा। किसान की असीमित आय व कृषि श्रमिक की 75 हजार रुपये वार्षिक आय हो। इसमें लाभार्थी की आयु 18 से 70 वर्ष तक निर्धारित है।


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