इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्वांचल के उमाकांत की गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका खारिज की
मामले के अनुसार उमाकांत यादव के विरुद्ध आजमगढ़ जिले के अलग-अलग थाने में हत्या लूटपाट मारपीट जैसे जघन्य अपराधों में लगभग डेढ़ दर्जन अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके विरुद्ध दीदारगंज थाना में गैंगस्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्वांचल के उमाकांत यादव की गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची द्वारा जमानत अर्जी में अपने विरुद्ध दर्ज अपराधिक इतिहास जैसे महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया गया है। इस आधार पर जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने याची उमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर दिया है।
उमाकांत पर हत्या, लूटपाट व मारपीट के आपराधिक मामले दर्ज हैं
मामले के अनुसार उमाकांत यादव के विरुद्ध आजमगढ़ जिले के अलग-अलग थाने में हत्या, लूटपाट, मारपीट जैसे जघन्य अपराधों में लगभग डेढ़ दर्जन अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके विरुद्ध दीदारगंज थाना में गैंगस्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कहा गया कि रविकांत यादव द्वारा गैंग बनाकर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं। उस गैंग का याची भी सदस्य है।
चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मौत पर मुआवजे पर विचार का निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी बिजनौर को सरकारी शासनादेश के तहत सभी पहलुओं पर विचार करके एक माह में याची को मुआवजे के भुगतान पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याची की पत्नी शिक्षामित्र थी, जिसे पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर भेजा गया था। कोरोना के कारण उसकी मौत हो गई। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर व न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने गिरीश कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याची का यह कहना है
याची का कहना है कि एक जून 2021 के शासनादेश के तहत उसने जिलाधिकारी को प्रत्यावेदन देकर मुआवजे की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर हाई कोर्ट की शरण ली है। शासनादेश में चुनाव ड्यूटी पर कोरोना से मौत पर सरकारी सहायता दिए जाने का उपबंध किया गया है।