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हाई कोर्ट ने रिटायर होने जा रहे डॉक्टरों को सेवा विस्तार देने से किया इनकार, सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्त होने जा रहे डॉक्टरों की अंतरिम अर्जी निरस्त करते हुए याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 06:36 PM (IST)
हाई कोर्ट ने रिटायर होने जा रहे डॉक्टरों को सेवा विस्तार देने से किया इनकार, सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने रिटायर होने जा रहे डॉक्टरों को सेवा विस्तार देने से किया इनकार, सरकार से मांगा जवाब

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र हस्तिनापुर मेरठ में तैनात डॉ. प्रेम सिंह और प्रांतीय चिकित्सा सेवा कानपुर के संयुक्त निदेशक डॉ. करण सिंह को 65 वर्ष की आयु तक सेवा विस्तार देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचियों का कहना है कि वह 31 मई को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए डॉक्टरों की आवश्यकता है।

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मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है। विशेष परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें 65 वर्ष की आयु तक कार्य करने दिया जाए। याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा कि सेवा नियमावली में आयुसीमा निर्धारित है, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। किसी नियम की वैधता को चुनौती नहीं दी गयी है। यदि अंतरिम राहत दी जाती है तो यह याचिका को स्वीकार करने जैसा होगा।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंतरिम अर्जी निरस्त कर दी है। याचिका पर अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव ने सरकार का पक्ष रखा। इनका कहना है कि सेवानिवृत्ति आयु निर्धारण सरकार का नीतिगत मसला है। कोर्ट ने अंतरिम अर्जी निरस्त करते हुए याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।


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