इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन के मामले में हस्तक्षेप से किया इनकार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ने यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के समय शारीरिक दूरी बनाये रखने के दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ( यूपी बोर्ड) सचिव को बोर्ड परीक्षा कॉपियों का मूल्यांकन कराने के प्रमुख सचिव के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने मूल्यांकन के समय शारीरिक दूरी बनाये रखने के दिशा-निर्देश जारी किये हैं। यदि इनके लागू करने में लापरवाही की जाती है तब इसकी शिकायत संबंधित अधिकारी से की जाए।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने जगदीश पांडेय ठकुराई की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रीन और ऑरेंज जोन के जिलों में कॉपियों के मूल्यांकन का आदेश दिया है। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करके उसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि यह याचिका उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की तरफ से दाखिल की गई है। इसमें 30 अप्रैल को प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा द्वारा जारी आदेश को चुनौती दी गयी है। याची का कहना था कि यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 के जीवन के मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है, क्योंकि मूल्यांकन के समय एकत्र अध्यापकों मे कोरोना वायरस फैल सकता है। कोर्ट ने कहा कि सरकार की तरफ से कई आदेश दिये गये हैं, जिसमें सुरक्षा के सारे उपाय किये गए हैं। यदि सुरक्षा उपायों पर ठीक से अमल नहीं होता तो प्राधिकारी से शिकायत की जाए।