Allahabad High Court: करोड़ों की बैंक धोखाधड़ी आरोपित को अग्रिम जमानत देने से कोर्ट का इन्कार, क्या है मामला
यूनियन बैंक आगरा के सहायक प्रबंधक एके बुधारिया ने 6 मई 2010 को एफआइआर दर्ज कराई थी। एफआइआर के तहत संतोष कुमार जैन अमित जैन विवेक जैन विनोद बाला जैन जीएस मेहता एसपी शर्मा आदि को धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार में आरोपित किया गया है।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट से करोड़ों की बैंक धोखाधड़ी की आरोपित को जमानत नहीं मिली। 1260.58 लाख रुपये यूनियन बैंक आगरा से धोखाधड़ी की आरोपित दीपा जैन को अग्रिम जमानत देने से इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। साथ ही अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है। अर्जी पर सीबीआइ के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने अपनी बात रखी।
यूनियन बैंक आगरा के सहायक प्रबंधक ने एफआइआर दर्ज कराई थी : उल्लेखनीय है कि यूनियन बैंक आगरा के सहायक प्रबंधक एके बुधारिया ने 6 मई 2010 को एफआइआर दर्ज कराई थी। एफआइआर के तहत संतोष कुमार जैन, अमित जैन, विवेक जैन, विनोद बाला जैन, जीएस मेहता, एसपी शर्मा आदि को धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार में आरोपित किया गया है।
कोर्ट से बैंक धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिली : अलका ग्रुप आफ कंपनीज के डायरेक्टर व अधिकारियों की मिलीभगत से गांधी आंख अस्पताल अलीगढ़ व कई कंपनियों के नाम दिल्ली इंदौर की फर्जी ट्रांसपोर्ट इनवाइस से बैंक धोखाधड़ी की। इसकी प्राथमिकी सीबीआइ ने नई दिल्ली में दर्ज कराई है। कोर्ट ने बैंक धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया है।