69000 Shikshak Bharti: शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आवेदन की त्रुटि सुधारने की अनुमति देने से किया इनकार
69000 Shikshak Bharti हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से अर्चना चौहान केस में दिए गए निर्णय को सामान्य आदेश न मानते हुए कहा कि वह विशेष तथ्यों के आधार पर दिया गया है। उसे नजीर मानते हुए सभी पर लागू नहीं किया जा सकता है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में आवेदन फार्म भरने वाले अभ्यर्थी को त्रुटि सुधारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की लोक परीक्षाओं में बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं। कुछ लोगों को त्रुटि सुधारने की अनुमति देने से पूरी चयन प्रक्रिया प्रभावित होगी।
हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से अर्चना चौहान केस में दिए गए निर्णय को सामान्य आदेश न मानते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश याची के मामले में विशेष तथ्यों के आधार पर दिया गया है। इस आदेश को नजीर मानते हुए सभी पर लागू नहीं किया जा सकता है। धर्मेंद्र कुमार की याचिका पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने यह आदेश दिया है।
कोर्ट ने याचिका की खारिज : याची ने अपने बीए तृतीय वर्ष व बीटीसी के रोल नंबर में सुधार करने का आदेश देने की मांग की थी। कोर्ट ने हाई कोर्ट की ओर से पूर्व में राजेंद्र पटेल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, पूजा यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य स्पेशल अपील और आरती वर्मा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य केस में दिए निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि इस आदेशों से स्प्ष्ट है कि चयन के इस स्तर पर त्रुटि सुधार की अनुमति देने से पूरी चयन प्रक्रिया प्रभावित होगी और निर्धारित समय सीमा में उसे पूरा कर पाना संभव नहीं होगा। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
प्रतियोगियों का झटका : सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को इस आदेश से झटका लगा है। वे त्रुटि संशोधन की मांग को लेकर इधर कई दिन से बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय के सामने भूख हड़ताल व धरना दे रहे थे। ऐसे अभ्यर्थियों की तादाद अधिक है जिन्होंने आवेदन फार्म में गलत तथ्य भरा है और चयन सूची से बाहर हो गए हैं।