Move to Jagran APP

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्‍य सरकार को स्वीकृत वेतनमान देने पर विचार का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई थी कि याची को पुनरीक्षण वेतनमान यूजीसी छठां व सातवां सेंट्रल पे कमीशन (सीपीसी) के तहत एक जनवरी 2016 से दिया जाए। याची का कहना था कि यूजीसी कि इस योजना का लाभ अन्य विश्वविद्यालयों को मिल रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 10:41 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्‍य सरकार को स्वीकृत वेतनमान देने पर विचार का निर्देश दिया
राज्‍य विश्‍वविद्यालय के उप कुलसचिव पद के लिए राज्य सरकार स्वीकृत वेतनमान को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलसचिव व उप कुलसचिव को यूजीसी का केंद्रीय वेतनमान लागू कर पुनरीक्षित वेतनमान देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा को छह महीने में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने उप कुलसचिव दीप्ति मिश्रा की याचिका पर दिया है।

loksabha election banner

याचिका में मांग की गई थी कि याची को पुनरीक्षण वेतनमान यूजीसी छठां व सातवां सेंट्रल पे कमीशन (सीपीसी) के तहत एक जनवरी 2016 से दिया जाए। याची का कहना था कि यूजीसी कि इस योजना का लाभ अन्य विश्वविद्यालयों को मिल रहा है। यहां तक की विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के अन्य स्टाफ को मिल रहा है। याची डा. दीप्ति मिश्रा ने उप कुलसचिव पद के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत वेतनमान को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

याची का कहना था कि विश्वविद्यालय और संबद्ध सभी महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष को यूजीसी-सीपीसी वेतन दिया जाता है। जबकि उनकी नियंत्रक निकाय विश्वविद्यालय के कुलसचिव व उप कुलसचिव को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत से कम वेतनमान प्रदान किया जाता है।

वहीं, राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि डा. दीप्ति को उनकी नियुक्ति के समय इस वेतनमान की जानकारी थी। अन्य विश्वविद्यालयों के कुल सचिव और उप कुलसचिव को यूजीसी वेतनमान इसलिए स्वीकृत किया गया है, क्योंकि वे अलग एक्ट से संचालित है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.