Allahabad High Court में आज स्वतंत्रता दिवस पर दिलाई जाएगी नवनियुक्त नौ जजों को शपथ
Allahabad High Court News हाई कोर्ट में नवनियुक्त नौ अपर न्यायाधीशों को सोमवार 15 अगस्त को शपथ दिलाई जाएगी। शपथ समारोह मुख्य न्यायाधीश के न्याय कक्ष में सुबह नौ बजे शुरू होगा। ये सभी जिला जजस्तर के उच्चतर न्यायिक सेवा संवर्ग के न्यायिक अधिकारी है।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट में नवनियुक्त नौ अपर न्यायाधीशों को सोमवार 15 अगस्त को शपथ दिलाई जाएगी। शपथ समारोह मुख्य न्यायाधीश के न्याय कक्ष में सुबह नौ बजे शुरू होगा। ये सभी जिला जजस्तर के उच्चतर न्यायिक सेवा संवर्ग के न्यायिक अधिकारी है।
नवनियुक्त नौ अपर न्यायाधीश का कार्यकाल 2024 तक
शपथ लेने वालों में मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी, राम मनोहर नारायण मिश्र, मयंक कुमार जैन, सुरेंद्र सिंह प्रथम और इलाहाबाद के जिला जज नलिन कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं। इन सभी को शपथ लेने की तारीख से दो वर्ष तक के लिए नियुक्त किया गया है, जबकि रेनू अग्रवाल, ज्योत्सना शर्मा, शिवशंकर प्रसाद और गजेंद्र कुमार को 62 वर्ष की आयु पूरी होने तक के लिए अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति दी गई है। इनका कार्यकाल 2024 में समाप्त हो जाएगा।
संविधान ने स्वतंत्रता का अधिकार दिया लेकिन यह अनियंत्रित नहीं
प्रयागराज : कांस्टीट्यूशनल एवं सोशल रिफार्म के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी का कहना है कि संविधान ने स्वतंत्रता का अधिकार दिया है, लेकिन यह अनियंत्रित नहीं है। कोई भी उसी सीमा तक स्वतंत्र है जहां तक उसकी आजादी दूसरे के अधिकारों का उल्लघंन नहीं कर देती। कहा कि भारत हजारों वर्षों से सांस्कृतिक रूप से स्वतंत्र राष्ट्र है।आज भी जंबू द्वीपे भरत खंडे आर्यावर्तेक देशे का संकल्प लिया जाता है। अंग्रेजों ने 1947 में देश विभाजन के साथ सत्ता हस्तांतरण किया। सत्ता मिलने के साथ ही संविधान सभा बनी जिसने विश्व की मान्यताओं को समाहित करते हुए 1949 में भारतीय संविधान को अंगीकार किया जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। कहा कि संविधान की प्रस्तावना में ही नागरिकों की स्वतंत्रता का खाका खींच दिया गया है। अनुच्छेद-19 में सात स्वतंत्रताओ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है जो गणतंत्र की रीढ़ है। किंतु अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता स्वच्छंद नहीं है, सरकार द्वारा नियंत्रित है।