इलाहाबाद हाईकोर्ट: छात्रों पर हॉस्टल और लॉज में घुसकर पुलिस क्रूरता मामले में लेटर पिटीशन दाखिल
याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ताओं ने बताया कि प्रयागराज के बघाड़ा में हॉस्टल और लॉज में घुसकर जिस तरह पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई की गई वह बिल्कुल गलत है। कहा कि पिटीशन के माध्यम से उन्होंने उच्च न्यायालय से मामले को स्वतः संज्ञान लेने की गुजारिश की है
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट के पांच वकीलों ने एक लेटर पेटीशन दाखिल कर प्रयागराज के बघाड़ा में मंगलवार को हॉस्टल और लॉज में घुसकर पुलिस द्वारा छात्रों की लाठियों से क्रूरता से पिटाई मामले की न्यायिक जांच और दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कारवाई की मांग की है। यह लेटर पिटीशन अधिवक्ता शैलजाकांत त्रिपाठी, एपी पाल, पीके जैसवार और दो अन्य वकीलों की तरफ से दाखिल की गई है।
क्रूरता करने वाले पुलिसवालों पर हो कठोर एक्शऩ
याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ताओं ने बताया कि प्रयागराज के बघाड़ा में हॉस्टल और लॉज में घुसकर जिस तरह पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई की गई वह बिल्कुल गलत है।
कहा कि पिटीशन के माध्यम से उन्होंने उच्च न्यायालय से मामले को स्वतः संज्ञान लेने की गुजारिश की है। साथ ही मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दोषी पुलिस कर्मियों पर भी कारवाई की अपील की है। विगत मंगलवार को बघाड़ा के छात्रों ने आरआरबी एनटीपीसी भर्ती परीक्षा परिणाम को लेकर विरोध किया था। इस दौरान छात्र प्रयाग रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर आ गए थे और एक ट्रेन रोक दी थी। पुलिस छात्रों ने छात्रों को बलपूर्वक ट्रैक से हटाया गया था।
याचियों का कहना है कि पुलिस ने छात्रों के साथ बर्बरता की कार्रवाई की है। पुलिसिया कार्रवाई में लगभग 90 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार लगभग 200 छात्र घायल हुए हैं और 30 गम्भीर रूप से चोटिल हैं। पुलिस ने एक्शन लेते हुए प्रयाग स्टेशन के निकट हॉस्टलों और प्राइवेट लॉज में घुसकर छात्रों की बर्बरता पूर्वक पिटाई के कई वीडियो वायरल हो रहे है। हालांकि इस मामले में एसएसपी प्रयागराज द्वारा 6 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। इसमें एक इंस्पेक्टर, दो दरोगा व तीन सिपाही शामिल हैं। वहीं कुछ छात्रों के खिलाफ भी कारवाई की गई है।