Move to Jagran APP

Allahabad High Court: अवमानना मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को आदेश पालन का अंतिम अवसर

हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सरिता तिवारी को अंतरिम आदेश का पालन करने का अंतिम अवसर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि एक माह में आदेश पर अमल नहीं होने की स्थिति में अधिकारी को तलब कर अवमानना का आरोप तय किए जाएगा।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 09:14 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 09:14 PM (IST)
Allahabad High Court: अवमानना मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को आदेश पालन का अंतिम अवसर
अवमानना मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अंतरिम आदेश का पालन करने का अंतिम अवसर

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सरिता तिवारी को अंतरिम आदेश का पालन करने का अंतिम अवसर दिया है। हाई कोर्ट ने आदेश का अनुपालन नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए कहा कि एक माह में आदेश पर अमल नहीं होने की स्थिति में अधिकारी को तलब कर अवमानना का आरोप तय किए जाएगा।

loksabha election banner

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अलीगढ़ के बिसारा इंटर काॅलेज के बर्खास्त शिक्षक सुधीर कुमार शर्मा की अवमानना याचिका पर दिया है। याची को 2005 में प्रबंधन समिति ने मौलिक रिक्ति के सापेक्ष नियुक्त किया था। नियुक्ति के समय शिक्षक ने राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर से शिक्षा अलंकार डिग्री प्रस्तुत की थी।

विभाग द्वारा वेतन जारी न होने पर दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट ने डीआईओएस को गुणदोष के आधार पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था जिसके बाद विभाग ने 2014 में वित्तीय सहमति प्रदान कर दी थी लेकिन 2021 में अलीगढ़ के अरुण कुमार ने विनोद कुमार उपाध्याय केस के निर्देश के आधार पर याची की नियुक्ति को चुनौती दी। जिसके बाद विभाग ने प्रशिक्षण उपाधि को अवैध पाते हुए याची को बर्खास्त कर दिया था। सेवा समाप्ति के विरुद्ध दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को स्थगित कर दिया था लेकिन विभाग ने पिछले चार महीनों में स्थगनादेश का अनुपालन नहीं किया। स्थगनादेश का अनुपालन न होने पर यह अवमानना याचिका की गई।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 2011 में शिक्षा अलंकार डिग्री अवैध घोषित करते हुए इस डिग्री के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को हटाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद तत्कालीन सचिव जितेंद्र सिंह ने 2012 में कोर्ट को शपथ पत्र देकर बताया था कि उक्त उपाधि के आधार पर राज्यभर में नियुक्त शिक्षकों पर कार्रवाई की जा चुकी है।साथ ही शासन ने 2012 में संबंधित आदेश भी जारी किया था लेकिन याची के प्रकरण में 2014 में वेतन जारी किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.