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इलाहाबाद हाई कोर्ट: आगरा के आलाधिकारियों को अवमानना नोटिस, रोक के बावजूद बाउंड्री गिराने का मामला

कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उक्त मामले में अवमानना का केस बनता है। सभी अधिकारियों को कोर्ट ने अवमानना याचिका में पक्षकार बनाया है। भूप सिंह कानूनगो व नाहर सिंह लेखपाल भी पक्षकार बनाए गए हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 08:03 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट: आगरा के आलाधिकारियों को अवमानना नोटिस, रोक के बावजूद बाउंड्री गिराने का मामला
बाउंड्री गिराने के मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर जिलाधिकारी आगरा सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी की गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित भवन के  ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने के बावजूद उसकी बाउंड्री गिराने के मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर जिलाधिकारी आगरा सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी की गई है। कोर्ट ने आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह, एडीएम वित्त एवं शत्रु संपत्ति योगेंद्र सिंह, एसडीएम (सदर) अनु असमोली, तहसीलदार (सदर) प्रेमपाल सिंह व थाना प्रभारी शाहगंज सत्येंद्र राघव को 13 मई गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उक्त मामले में अवमानना का केस बनता है। सभी अधिकारियों को कोर्ट ने अवमानना याचिका में पक्षकार बनाया है। भूप सिंह कानूनगो व नाहर सिंह लेखपाल भी पक्षकार बनाए गए हैं।

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यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने पाठक वृंदावन वैदिक आश्रम धर्मार्थ न्यास की तरफ से दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है। हाई कोर्ट ने 10 फरवरी 2003 को विवादित भूमि के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद इन अधिकारियों के निर्देश पर थानाध्यक्ष की निगरानी में बाउंड्री वाल तोड़ दी गई। सीजेएम  आगरा को निर्देश दिया गया है कि वह सभी अधिकारियों पर आदेश की तामील कराएं।


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