Allahabad High Court: पुलिस कस्टडी में मौत की तहकीकात करेगी एसआइटी, तीन माह में रिपोर्ट तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसआइटी गठित करने के साथ ही उन सभी पहलुओं की जांच करने का आदेश दिया है जिससे पता चले कि मृतक अनिल सिंह ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या की गई थी। कोर्ट ने तीन माह में रिपोर्ट मांगी है।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कन्नौज की तिरवा कोतवाली में पुलिस अभिरक्षा में मौत मामले की जांच एसआइटी को सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि एसपी रैंक अधिकारी के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी रैंक के दो सदस्यों को लेकर एस आई टी गठित की जाय। कोर्ट ने एसआइटी को उन सभी पहलुओं की जांच करने का आदेश दिया है जिससे पता चले कि मृतक अनिल सिंह ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या की गई थी। कोर्ट ने तीन माह में रिपोर्ट मांगी है।
ससुराल से लाए थे थाने जहां लगी थी उसने फांसी
कोर्ट ने आरोपी दो पुलिस अधिकारियों को जांच में सहयोग करने की शर्त पर उनके उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। याचिका की अगली सुनवाई 6 सितंबर 2022को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने पुलिस अधिकारी त्रिभुवन प्रसाद वर्मा व अरूण कुमार की याचिका पर दिया है।
याचियों का कहना है कि 2020 में नशे में धुत शख्स अपनी ससुराल में हंगामा कर रहा था। पुलिस उसे थाने ले आई जहां शौचालय में उसने फांसी लगा ली। मृतक के पिता की तरफ से पुलिस के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई तो दूसरी एफआइआर पुलिस की तरफ से पुलिस के खिलाफ मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने व मजबूर करने के आरोप में दर्ज कराई।
एक ही घटना में दो केस विधि के विरुद्ध
याचियों का कहना था कि एक ही घटना की दो एफआइआर विधि के विरुद्ध है। दोनों की एक एजेंसी से जांच कराई जाए। शिकायत कर्ता के अधिवक्ता योगेश कुमार ने फोटोग्राफ दिए, जिसमें शौचालय के छत की ऊंचाई काफी कम है और फंदे पर लटके शव का पंजा ज़मीन पर स्पर्श करता दिखाई दे रहा है। पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका जताई।